रायपुर। सरकार बदलने के बाद प्रदेश में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते है। सरकार बदलते ही योजनाएं भी बदल जाती है जिसके चलते पुरानी योजनाओं को बंद कर दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकार के रूप में मुखयमंत्री विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर कार्यभार का संभाल चुके हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शपथ ग्रहण के बाद कल कैबिनेट की पहली बैठक की। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरूण साव और विजय शर्मा शामिल हुए। साय कैबिनेट की पहली बैठक में कांग्रेस सरकार की अनुपयोगी योजनाओं की समीक्षा की गई । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार में संचालित योजनाओं को बंद करने का भी फैसला किया गया। चर्चा इस बात की भी है कि अब रमन शासनकाल की वो योजना फिर से शुरू की जाएगी जिसे कांग्रेस की सरकार ने बंद कर दिया था।

2018 में सरकार में आने के बाद कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी की कई योजनाएं बंद कर दी थी। मसलन सरस्वती साइकिल योजना, टिफिन योजना, चरण पादुका योजना, स्मार्ट फोन योजना, लैपटॉप योजना। लेकिन 5 साल बाद अब जब बीजेपी सरकार में वापसी कर चुकी है, तो चर्चा इस बात की है कि भारतीय जनता पार्टी इन योजनाओं को फिर से शुरू करेगी। इसी तरह भूपेश सरकार की उन योजनाओं जैसे नरवा, गरवा, घुरवा , बारी , राजीव युवा मितान क्लब, गोधन योजना, इंदिरा आवास योजना, रिपा योजना जिस पर भारतीय जनता पार्टी लगातार भ्रष्टाचार, घोटाले पैसा कमाने का जरिया का आरोप लगाती आई है। इन सभी योजनाओं की समीक्षा कर बंद करने की तैयारी की जा रही है।

कांग्रेस की योजनाओं को अनुपयोगी बताए जाने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 1 लाख 75000 करोड रुपए अनेक योजनाओं के जरिए जनता के खाते में गए हैं। ऐसे में ये योजनाएं अनुपयोगी कैसे हो गईं। तो कुल मिलाकर जो हाल कांग्रेस की सरकार ने रमन शासनकाल की योजनाओं का किया था। अब संभावना है कि वही हस्श्र अब बीजेपी की सरकार, कांग्रेस शासनकाल की योजनाओं का करने जा रही है।