भोपाल। शिवराज सिंह चौहान की विदाई के बाद अब डॉ मोहन यादव सीएम की कुर्सी पर आसीन हो गए हैं। डॉ मोहन यादव की सरकार बनते ही ये देखने को मिला की प्रदेश की कई महिलाएं शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे और ये कहा कि हमने वोट आपको दिया था। यानि लाडली बहनों को शिवराज पर भरोसा था।

वहीं, नई सरकार के गठन के तत्काल बाद एक ऐसा आदेश जारी हुआ कि लाडली बहना योजना के लाभार्थियों की छटनी की जाए और योग्य लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जाए। ये महिला एवं बाल विकास का ये आदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद विभाग ने ये आदेश वापस ले लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार सागर महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी की ओर से आदेश जारी किया था, जिसमें से लिखा गया था कि यदि किसी पर्यवेक्षक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका, आशा कार्यकर्ता स्व सहायता समूह के अध्यक्ष या सचिव के द्वारा इस योजना का लाभ लिया जा रहा है, तो उसका लाभ का परित्याग 15 दिन के अंदर करें नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।

इस आदेश के वायरल होने के बाद कांग्रेस ने भी डॉ मोहन यादव सरकार को आड़े हाथों लिया और करारा प्रहार किया, जिसके बाद प्रशा​सनिक अमले में हड़कंप मच गया। अंतत: प्रशासन को ये आदेश वापस लेना पड़ा और इस आदेश को निरस्त करने का आदेश जारी किया गया।

गौरतलब है कि सीएम पद से शिवराज सिंह चौहान की विदाई के बाद से ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि लाडली बहना योजना? सहित अन्य कई लाभकारी योजनाओं को बंद किया जा सकता है। वहीं, कयासों के बीच ये आदेश आग में घी डालने का काम किया, जिसके बाद तो सोशल मीडिया पर आग भड़ उठी। लेकिन फिलहाल आपको बता दें कि सरकार न तो लाडली बहना योजना को बंद करने जा रही है और न ही अब इस योजना के ला​भार्थियों की छटनी की जा रही है।

क्या है लाडली बहना योजना

लाडली बहना योजना की पात्रता के लिए शर्ते है कि इनकम टैक्स के दायरें में ना आते हो, संयुक्त परिवार में पांच एकड़ से ज्यादा जमीन ना हो, परिवार में कोई भी एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं हो, चार पहिया वाहन ट्रेक्टर को छोड़कर ना हो, पूर्व सांसद-विधायक, पंचायत सदस्यों की पत्नी ना हो।

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