सुकमा। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में एक पंचायत सचिव ने निराश्रित पेंशन योजना और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में करीब 2 करोड़ 66 लाख रुपये का घोटाला किया है। पिछले कुछ महीनो से लगातार शिकायत के बाद इस पूरे मामले की जांच की गई जिसमें सचिव को दोषी पाते हुए तत्काल उसकी सेवा समाप्त कर दी गई है। साथ ही प्रशासन FIR की तैयारी कर रहा है।

सुकमा जिले के कोंटा जनपद के ग्राम पंचायत कोंडासांवली, कामाराम और दुलेड़ में लंबे समय से वृद्धा और विधवा पेंशन योजना का लाभ ग्रामीण हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा था. यही नहीं, मनरेगा के तहत हुए कार्यों में मजदूरों के भुगतान में भी लंबे समय से पंचायत सचिव के द्वारा राशि गबन करने की शिकायत मिल रही थी. इस पूरे मामले की जांच की गई और इसके बाद पंचायत सचिव उदय भास्कर को दोषी पाते हुए उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के तहत आदेश जारी कर पंचायत सचिव पद से सेवा समाप्त कर दिया गया है.

पीड़ितों ने कलेक्टर से की थी शिकायत

ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत सचिव उदय भास्कर कोंडासावली कामाराम और दुलेड़ पंचायत का सचिव था. स्थानीय ग्रामीणों ने शिकायत में पता चला कि लंबे समय से वृद्धा पेंशन योजना और विधवा पेंशन योजना के तहत हर महीने दी जाने वाली पेंशन 2 साल से पात्रों को नहीं मिल रही थी. वहीं, सचिव के द्वारा पिछले 2 सालों से अधिक समय से शासन से राशि नहीं मिलने की बात कही जा रही थी.

मनरेगा में भी किया घोटाला

यही नहीं मनरेगा के तहत क्षेत्र में विकास कार्य के लिए राशि आवंटित की गई. वहीं, पिछड़ा हुआ क्षेत्र होने की वजह से मजदूरों के खाता नहीं खुलने से पंचायत सचिव के द्वारा मजदूरों को नगद मे मनरेगा का भुगतान किया जाना था. लेकिन राशि नहीं मिलने की बात कहते हुए 100 से अधिक मजदूरों को सचिव के द्वारा कई महीनो का भुगतान नहीं किया गया.

वहीं, मिनपा गांव में भी 4 तालाब निर्माण के लिए दी गई राशि सचिव के द्वारा गबन कर ली गई. स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इसकी शिकायत कोंटा जनपद पंचायत के सीईओ से की गई. इसके बाद सीईओ ने नोटिस जारी कर पंचायत सचिव से जवाब मांगा लंबे समय से जवाब नहीं देने के चलते और विभागीय जांच में करीब 2 करोड़ 66 लाख रुपये की आर्थिक अनियमितता की शिकायत सही पाई गई. इसके बाद पंचायत सचिव उदय भास्कर पर छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के तहत सेवा समाप्त किया गया और अब प्रशासन के द्वारा गबन राशि को वसूलने के लिए एफआईआर भी दर्ज की जा रही है.

14वें वित्त और 15वें वित्त में गड़बड़ी

सुकमा कलेक्टर एस. हरीश ने बताया कि शासन के करीब 2 करोड़ 66 लाख 24 हजार रुपये गबन की जानकारी मिलने के बाद पंचायत सचिव को कई बार नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा गया लेकिन पंचायत सचिव ने एक भी स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया. शिकायत मिली थी कि पात्र पेंशन हितग्राहियों को पिछले 2 साल से पेंशन राशि सचिव के द्वारा नहीं दिया गया. इसके अलावा ग्राम मिनपा में चार नग तालाब निर्माण कार्य की मजदूरी राशि का भुगतान भी सचिव के द्वारा नहीं किया गया.

14 वें वित्त और 15वें वित्त योजना से कोई कार्य नहीं करने के संबंध में भी गांव के ग्रामीण माड़वी सुका और अन्य ग्रामीणों ने शिकायत किया था. फिलहाल सचिव की सरकारी सेवा समाप्त करने के साथ ही एफआईआर दर्ज की जा रही है .कलेक्टर ने कहा कि पंचायत सचिव से गबन राशि भी वसूली जाएगी.