रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछले दिनों नक्सलियों के बढ़ते हमले को देखते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी के परिपालन में पुलिस एवं सुरक्षा बलों द्वारा राज्य में नक्सलियों के विरूद्ध कार्रवाई तेज कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने के बाद से ही नई बीजेपी सरकार की ‘बुलडोज़र कार्रवाई’ चर्चा में है। अब राज्य सरकार ने माओवादियों के स्मारक को तोड़ने के लिए भी बुलडोज़र का उपयोग किया गया है। सरकार बुलडोजर अब शहर होते हुए घने जंगलों वाले इलाकों में भी पहुंच गया है। माओवाद प्रभावित सुकमा जिले के सलातोंग गांव के बीचोंबीच बने माओवादियों का स्मारक बुलडोजर से तोड़ दिया गया।

चुनाव परिणाम के बाद से ही चल रही कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में तीन दिसंबर को आए चुनाव नतीजे में बीजेपी को जीत मिली। इसके अगले ही दिन राजधानी रायपुर में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोज़र से तोड़ फोड़ किया गई। पांच दिसंबर को दुर्ग और बिलासपुर शहर में भी ऐसी ही कार्रवाई शुरू हो गई और भारी बारिश के बीच यह सिलसिला जारी रहा।

दल-बल के साथ पहुंची जवानों की टीम

पुलिस के मुताबिक “नक्सल ऑपरेशन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस जवान सलातोंग गांव पहुंचे और गांव के बीच, बनाए गए माओवादियों के स्मारक को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया।”

जारी है एरिया डामिनेशन और काम्बिंग

नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत बस्तर अंचल के सुदूर इलाकों में एरिया डामिनेशन और काम्बिंग शुरू कर दी गई है। बड़े पैमाने पर सर्चिंग की जा रही है। इसी सिलसिले में सुकमा जिले के सलातोंग गांव के मध्य नक्सलियों द्वारा बनाया गया विशालकाय स्मारक पुलिस के जवानों की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया गया ।

पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के निर्देशन में एएसपी नक्सल ऑपरेशन प्रभात कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस जवान सलातोंग गांव पहुंचे और गांव के बीच बने नक्सली स्मारक को जेसीबी के माध्यम से ध्वस्त कर दिया। वहीं पूरे जिले में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।