रायपुर। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद कुछ नेताओं ने खुद इस्तीफा दे दिया था,वहीं कुछ नेता अभी भी पदों पर बने हुए थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागों को पत्र जारी करते हुए पुरानी नियुक्तियां समाप्त करने के आदेश दिए हैं। अब निगम, मंडल व आयोगों में भाजपा अपने नेताओं की नियुक्तियां करेगी। जानकारी के मुताबिक अलग-अलग विभागों में 200 से अधिक पदों पर पूरी तरह नियुक्ति होने में एक से डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है। मंत्रिमंडल के गठन के बाद नए सिरे से मंडलों व निगमों में पद बांटे जाएंगे।

प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के बाद एक और बड़ा निर्णय लेते हुए सरकार ने निगम, आयोग व मंडल में कांग्रेस द्वारा की गई नियुक्तियां भंग कर दी है। अलग-अलग विभागों में कांग्रेस सरकार ने अपने नेताओं की नियुक्तियां की थी। रायपुर नगर निगम सहित अन्य निकायों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले हटाने की मांग भाजपा नेता कर रहे हैं। अब भाजपा की सरकार बनते ही कांग्रेसी नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों को भंग करने की कवायद शुरू हो गई है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो प्रदेश में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार बनते ही कांग्रेस काबिज नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की सुगबुगाहट चल रही है।

राजधानी सहित जितने भी नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों में कांग्रेस के महापौर और अध्यक्ष हैं उनको किसी भी सूरत में हटाकर भाजपा के लोगों को बैठाना है, जिन निकायों भाजपा पार्षदों की संख्या कांग्रेसी पार्षदों से थोड़ा बहुकत कम है वहां अविश्वास प्रस्ताव लाकर पदच्युत किया जाएगा और जहां जहां कांग्रेसी पार्षदों की बहुमत है वहां किसी नियम के तहत निकायों को भंग करने के मांग भाजपा नेता कर रहे हैं।अभी से कई निकायों में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है। नए सरकार व्दारा निगम मंडलों को भंग करने के आदेश के बाद निकायों से भी कांग्रेसियों की छुट्टी करने की मांग बलवती हो गई हैै। निगम को भंग करने के लिए सभी निकायों के भाजपा पार्षद दल एकजुट हो गया है। भाजपा नेताओं ने नगरीय प्रशासन सचिव को लेटर लिखकर निगम की संचालित योजनाओं जिसमें सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुए है, इसके बारे में रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश के अलग-अलग नगर पालिकाओं के गठन के साथ नगर पालिकाओं के गठन के बारे में प्रस्ताव मांगा है।