जशपुर। सरगुजा संभाग के जशपुर जिले में वनों की अवैध कटाई जोरों पर है। बीते पांच साल से कांग्रेस की सरकार में व्याप्त कुशासन एवं क्षेत्रीय नेताओं के संरक्षण में माफियाओं द्वारा अवैध कटाई कर वनों की कीमती लकड़ियों की जमकर चोरी की जा रही है। इसके अलावा वनों को उजाड़ कर वनों की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। इन माफियाओं के खिलाफ लंबे समय से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई है जिसके चलते इनके हौसले बुलंद है। बेखौफ वन माफियाओं को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का भी खौफ नहीं रहा।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब भाजपा की सरकार बन गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है जिससे माफिया बौखलाहट में अधिकारियों पर भी हमला कर रहे हैं। सन्ना वन परिसर में युवकों ने एक फॉरेस्ट गार्ड बीएफओ और उसके परिवार की पिटाई कर दी है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। बातचीत के दौरान प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, युवक जंगल से लकड़ी चोरी कर रहे थे। मना करने पर उन्होंने हमसे गाली-गलौज शुरू करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इस घटना की पुष्टि करते हुए डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि, घटना को लेकर सन्ना थाने में पीड़ित ने परिवार समेत पहुंचकर शिकायत की है। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

मारपीट के पीड़ित बीएफओ ने पुलिस को दी गई जानकारी में बताया कि, सन्ना वन परिक्षेत्र के वनकर्मियों के परिसर से लगे लकड़ी डिपो में शाहनवाज खान, रोहित साहू, रवि भगत, सैफ अंसारी, बबलू ठाकुर, राकेश ताम्रकर समेत 10 युवक ठंड में अलाव जलाने के लिए डिपो से लकड़ी चोरी कर रहे थे। वनपाल शांति स्वरूप तिवारी और निरंजन मिंज ने उन्हें मना किया। इस पर चोरी करने वाले युवा भड़क गए। युवक गाली-गलौज करने लगे और मारपीट की नौबत आ गई। विवाद बढ़ता देख बीएफओ सुधन साय पैकरा बीच-बचाव करने पहुंचे लेकिन नशे में धुत कुछ युवाओं ने न केवल फॉरेस्ट ऑफिसर की पिटाई शुरू कर दी, साथ ही उनकी पत्नी और बेटी को भी घसीटकर मारा।