दंतेवाड़ा। ग्रामीण मजूदरों को पलायन से रोकने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से ग्रामीण क्षेत्रों मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही है। सरकार की मंशा है कि ग्रामीण मजदूर गांव में ही रहकर मनरेगा योजना के तहत मजदूरी कर अपने परिवजों के बीच रह कर जीवन बसर सके। लेकिन बीते कुछ सालों से ग्रामीणों को 90 दिन रोजगार देने के लिए संचालित मनरेगा योजना का लाभ ग्रामीणों को ठीग ढंग से नहीं मिल पा रहा है।

जिसके चलते ग्रामीण मजदूरों का मनरेगा योजना के प्रति मोहभंग होता जा रहा है। यही वजह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी रोजगार की समस्या बनी हुई है। गांव में रोजगार नहीं होने से लोगों को परिवार का गुजर बसर करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रोजगार के अवसर नहीं मिलने से ग्रामीण पलायान के लिए मजूबर हो गए हैं और अब दूसरे प्रांतों की ओर रुख ले रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से सामने आया है। जहां पलायन को मजबूर ग्रामीणों को प्रशासन ने रोका है।

बताया जा रहा है कि गांव में रोजगार नहीं होने से यहां के ग्रामीण दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे थे। तभी प्रशासन ने उन्हें रोका साथ ही SDM ने समझाईस देकर उन्हें वापस अपने गांव भेज दिया। इस दौरान SDM ने कहा ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपल्बध करवाएंगे। जो यहीं रहकर अपने परिवार का गुजर बसर कर सके। आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार नहीं होने से ग्रामीणों को अपने परिवार पालने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ग्रामीण अपने गांव छोड़कर रोजगार के लिए दूसरे राज्यों की ओर जा रहे हैं ताकि वहां कोई काम करके अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।