रायपुर। केंद्र की भाजपा सरकार ने देशभर में किसानों को खेती-बाड़ी के कामकाज में खर्च के लिए हर वर्ष 6000 रूपये देने की पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। आर्थिक लाभ को देखते हुए इस योजना के प्रारंभिक काल में बड़ी संख्या में अपात्र किसानों ने भी अपने फॉर्म भर दिए और कुछ सालों तक इस योजना का लाभ भी उठाया। मगर धीरे-धीरे पोल खुलती गई तब पता चला कि अनेक किसान सरकारी नौकरी कर रहे हैं, तो कोई किसान आयकर दाता है, वहीं पति-पत्नी दोनों ने खुद को किसान बता दिया, जबकि इस योजना का लाभ पति-पत्नी में से किसी एक को मिलता है।

जिलों में भेजी गई अपात्र किसानों की सूची

केंद्र के कृषि मंत्रालय द्वारा जब किसानों की सूची की तकनीकी तौर पर आधार और अन्य दस्तावेजों का मिलान किया तब बड़ी संख्या में अपात्र किसानों के नाम सामने आये। ऐसे किसानों की जिलावार सूची भेजी गई, साथ ही यह भी आदेश दिया गया कि सभी किसानों का नए सिरे से वेरिफिकेशन किया जाये।

अपात्र किसानों से इतने रकम होनी है वसूली

मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 47 हजार 432 किसानों को चिन्हित किया गया जो किसान सम्मान निधि योजना के लिए अपात्र हो गए। इन किसानों से कुल 46 करोड़ 56 लाख की वसूली करने का आदेश जारी किया गया, मगर अभी तक केवल तीन हजार किसानों ने ही 2.23 करोड़ की राशि लौटाई है। वसूली करने के लिए प्रशासन ने नोटिस जारी की है मगर किसान राशि नहीं लौटा रहे हैं।

रायपुर जिले में मिले 30 हजार से अधिक किसान

कृषि विभाग के पोर्टल से मिली जानकारी के मुताबिक सन 2018 में किसान सम्मान निधि के तहत रायपुर जिले के 1 लाख 69 हजार 154 किसान पंजीकृत थे। बीते सालों में 30 हजार 218 किसान अपात्र हो गए। इनमें वे किसान भी शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है या फिर वे पलायन कर गए हैं। रायपुर जिले की बात करें तो यहां के अपात्र किसानों से साढ़े 3 करोड़ की वसूली की जानी है मगर प्रशासन केवल 9 लाख रूपये की ही वसूली कर सका है। यह रकम ऊँट के मुंह में जीरे के सामान है।

RRC से वसूली का आदेश, मगर अधिकारियों के हाथ कांपे

दरअसल जिन किसानों से रकम की वसूली नहीं हो पा रही है, उनके खिलाफ सख्ती बरतते हुए उनकी संपत्ति बेचकर वसूली का आदेश भी जारी किया गया। इस प्रक्रिया को RRC के तहत वसूली करना कहते हैं। जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक सभी अनुविभागीय अधिकारियों (SDM) को RRC से रकम वसूली के लिए 2 बार आदेश जारी किया जा चुका है, मगर इन अधिकारियों द्वारा यह प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई।

देशभर में अपात्र किसानों पर 2900 करोड़ रूपये बकाया

प्रदेश भर से अपात्र किसानों से 44.33 करोड़ वसूलने में छत्तीसगढ़ कृषि विभाग और कलेक्टरों का पसीना छूट रहा है। इन किसानों में फर्जी आधार वाले लाभार्थी समेत पेंशनधारी, शासकीय सेवक, मृतक किसान व आयकरदाता शामिल हैं। देश में इनकी संख्या 3.86 लाख है। इनमें अकेले 2.34 लाख से ज्यादा किसान आयकर दाता हैं। देशभर से 2,900 करोड़ रुपये वसूलने हैं, मगर यह 10 फीसद से भी कम हो पाई है।

बताया यह भी जा रहा है कि केंद्र द्वारा भी पिछले 8 महीने से इसके लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है। इसके राजनैतिक वजह हो सकते हैं। बीते विधान सभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव की बारी है। यही वजह है कि सरकार वसूली के लिए कोई सख्ती बरतना नहीं चाहती।

अब आधार प्रमाणीकरण के बाद ही मिलेगी अगली किस्त

फर्जी या अपात्र किसानों द्वारा केंद्र की योजना का लाभ उठाने के चलते सरकार अब सख्त होती जा रही है। पहले केंद्र सरकार ने इसमें सख्ती नहीं की थी और अब कहा जा रहा है कि किसानों को ई-केवाईसी करानी है। इसके तहत भूमि को आधार कार्ड, राज्य के भुईंया पोर्टल व पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल से लिंक करना और आधार कार्ड का बैंक अकाउंट नंबर से मिलान कराना अनिवार्य है। अगर समय रहते यह तीनों नहीं हुआ तो पीएम किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त किसानों को नहीं मिल पाएगी।