रायपुर। छत्तीसगढ़ का कोना-कोना अयोध्या में भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले हर्ष और उल्लास में डूबा हुआ है। विष्णुदेव साय सरकार के वरिष्ठ मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि भगवान राम का मंदिर पांच सौ वर्षों के बाद बन रहा है। ये सिर्फ़ अयोध्या का ही विषय नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की भावनाओं से जुड़ा विषय है।

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने इसके लिए बड़ी लड़ाई लड़ी है। इतिहास उठाकर देख लें तो छत्तीसगढ़ भी भगवान राम की गौरवान्वित करने वाली गाथाओं से जुड़ा है। ऐसे में पूरे राज्य में हर्ष और उल्लास का माहौल है। जगह-जगह रंगोली बनाई जा रही है। घर-घर से लोग निकल कर अक्षत चावल बांट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांचा राम भी हैं। वन ग़मन क्षेत्र में रहकर उन्होंने यहां से बहुत कुछ सीखा भी है, और सिखाया भी है। भगवान राम जब तक अयोध्या में रहे उन्हें राजा राम कहा जाता था, लेकिन जब वह दण्डकारण्य में आए तब उन्हें वनवासी राम भी कहा गया। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा गया।

मंत्री ने कहा कि दुनिया के किसी भी जंगल चले जाइए, वहां कांटा मिलेगा, लेकिन बस्तर के जंगलों में कांटा नहीं मिलेगा। भगवान श्री राम के चरण वहां पड़े थे। ये हम लोगों के लिए सौभाग्य का विषय है। सुकमा में रामा राम मेला होता है, बड़ा आयोजन होता है। ऐतिहासिक दशहरा का पर्व मनाया जाता है। यह 75 दिनों तक चलता है। उत्सव का माहौल हर तरह है। भजन गाये जा रहे हैं. ख़ुशियां बांटी जा रही है।