पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा

हैदराबाद। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा है। हैदराबाद में खेले गए मुकाबले के चौथे दिन इंग्लैंड की टीम ने 28 रन से मैच को जीत लिया। रविवार (28 जनवरी) को भारत दूसरी पारी में 202 रन पर सिमट गया।

भारत ने पहली पारी में 100 रन की बढ़त हासिल की थी, लेकिन वह मैच को अपने नाम नहीं कर पाया। टेस्ट इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब टीम इंडिया ने घरेलू मैदान पर 100 रन की बढ़त हासिल की, लेकिन मैच नहीं जीत पाई। इससे पहले टीम इंडिया ने चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1965 में 65 रन की बढ़त हासिल की थी और फिर हार गई थी।

भारत में सबसे ज्यादा बढ़त लेने के बाद हारने के मामले में ऑस्ट्रेलिया शीर्ष पर है। 2001 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ कोलकाता में 274 रन की बढ़त हासिल की थी। उसके बाद टीम इंडिया ने कमाल करते हुए 171 रन से मैच को जीत लिया था।

बढ़त लेने के बाद भारत की हार
साल खिलाफ जगह कितने रन की बढ़त
2015 श्रीलंका गॉल 192
2024 इंग्लैंड हैदराबाद 190
2022 इंग्लैंड बर्मिंघम 32
1992 ऑस्ट्रेलिया एडिलेड 80
2008 ऑस्ट्रेलिया सिडनी 69

अब इंग्लैंड के खिलाफ 190 रन की बढ़त लेने के बाद भारत हार गया। ऑस्ट्रेलिया ने भारत में ही 2005 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में 99 रन की बढ़त हासिल की थी। इसके बाद टीम इंडिया ने जोरदार वापसी करते हुए मैच को 13 रन से अपने नाम कर लिया

टेस्ट क्रिकेट में रनों के हिसाब से चौथी सबसे छोटी हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले टीम इंडिया 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में 12 रन से हारी थी। 1977 में ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिसबेन में 16 रन और 1987 में पाकिस्तान की टीम ने बेंगलुरु में 16 रन से हराया था। अब इंग्लैंड के खिलाफ हैदराबाद में 28 रन से हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में बर्मिंघम में इंग्लिश टीम ने 31 रन से शिकस्त दी थी।

विश्व युद्ध के बाद चौथी बार हुआ ऐसा

इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने इस मैच में एक विकेट भी नहीं लिया। दोनों पारियों को मिलाकर भारत के कुल 20 विकेट उसके स्पिनरों ने ही लिए। विश्व युद्ध (1945) के बाद ऐसा चौथी बार हुआ है जब इंग्लिश टीम ने सामने वाली टीम को दोनों पारियों में आउट किया, लेकिन उसके तेज गेंदबाजों को एक भी सफलता नहीं मिली। 1952 में भारत के खिलाफ कानपुर, 1956 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैनचेस्टर और 2018 में श्रीलंका के खिलाफ पल्लेकेले में ऐसा हुआ था।

हार्टले ने हासिल की खास उपलब्धि

टॉम हार्टले ने दूसरी पारी में 62 रन देकर सात विकेट लिए। इंग्लैंड के लिए 1950 के बाद किसी स्पिन गेंदबाज का टेस्ट डेब्यू में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उन्होंने मैच में कुल नौ विकेट लिए। 1950 में रॉबर्ट बेरी ने मैनचेस्टर में वेस्टइंडीज के खिलाफ 116 रन देकर नौ विकेट लिए थे।