कालोनी के मेंटनेंस की व्यवस्था शासन से कराने की मांग

रायपुर। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री अचानक पुलिस परिवार का हालचाल जानने अमलीडीह पुलिस हाउसिंग कॉलोनी पहुंचे, जहां आरक्षक नरेश मरकाम के परिवार से मिलने के बाद कहा कि आज मुझे अपने परिवार का अपनापन महसूस हो रहा है।

यहां मेरी बहुत से पुलिस परिवारों से भेंट-मुलाकात हुई। मुझे यहां पुलिस परिवारों से मिलकर अपनेपन का एहसास हो रहा है। आज मैं यहां पुलिस कर्मचारियों एवं उनके परिजनों से मिलने आया हूं, उसकी समस्याओं को जानने आया हूं, जो हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं, उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं है, ये जानने आया हूं।

उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा आज यहां आरक्षक नरेश मरकाम एवं उनके परिजनों से मिलने उनके निवास पुलिस हाउसिंग कॉलोनी अमलीडीह रायपुर पहुंचे। वहां उन्होंने उनके परिवारजनों के साथ मुलाकात कर उनका हाल-चाल पूछा एवं उनके साथ चाय भी पी। आरक्षक परिवार अपने घर में गृहमंत्री को देखकर गदगद हो गये।

आरक्षक नरेश ने बताया कि आज वीआईपी सुरक्षा के लिए उनकी ड्यूटी लगायी गई थी। अचानक उन्हें कन्ट्रोल रूम से जानकारी मिली कि गृह मंत्री उनके निवास आने वाले है। पूरी कॉलोनी में खुशी का माहौल बन गया। गृह मंत्री शॉल, श्रीफल, मिठाई और फल लेकर पहुंचे और उनके परिजनों को भेंट की।

आरक्षक नरेश मोहला-मानपुर जिले के ढुढिटोला गांव के निवासी है तथा वर्तमान में पुरानी बस्ती थाना में दो साल से पदस्थ है। उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मैं इस कॉलोनी में एक आरक्षक परिवार से मिलने आया था।

समाज में व्याप्त नशा एवं शराब जैसे बुराईयों को समाप्त करना है। पुलिस कर्मियोें एवं उनके परिजनों ने गृह मंत्री का स्वागत कर उन्हें समस्याएं भी बतायी। रहवासियों ने स्ट्रीट लाईट एवं खेलकूद के मैदान की उचित व्यवस्था कराने, कैन्टीन का नियमित संचालन एवं अन्य भत्ते की आवश्यकता के संबंध में विस्तार से चर्चा किया। पुलिस कर्मियों ने बताया कि अमलीडीह कॉलोनी से 100 से अधिक बच्चे केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ने जाते है।

बच्चों के लिए शासकीय बस की व्यवस्था की जाए। लगभग 1000 परिवार वहां निवासरत् है। सभी परिवार को मेंटेनेंस के नाम से एक हजार रूपए प्रतिमाह देना पड़ता है। इस संबंध में भी शासन की तरफ से समुचित व्यवस्था की मांग की गई। गृहमंत्री ने कहा कि आप सबके बीच मुझे यहां ऐसे लग रहा है कि जैसे कि मैं अपने घर आया हूं। मेरा एक ही बेटा है कभी मैं उसे लेकर आउंगा यहां इतने सारे बच्चें है सबके साथ वह भी खेलेगा।