रांची। PMLA स्पेशल कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को फ्लोर टेस्ट (विश्वास मत) में भाग लेने की अनुमति दे दी है। शनिवार को ईडी की विशेष अदालत ने ये आदेश दिया। हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था।

5 फरवरी को है फ्लोर टेस्ट..

पांच फरवरी को चंपाई सोरेन सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाले से संबंधित मनी लाउंड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। इससे पहले हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी, हालांकि उस वक्त हेमंत सोरेन वहां मौजूद नहीं थे.

सीएम पद पर रहते देश में पहली गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 31 जनवरी को सात घंटे से भी ज्यादा चली पूछताछ के बाद झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए किसी राजनीतिज्ञ के मनी लाउंड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी की देश की यह पहली घटना है। हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से पहले ईडी के अधिकारियों पर रांची स्थित एससी/एसटी एक्ट के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी।

बड़गाईं अंचल की जमीन मामले में गिरफ्तारी

ED ने 29 जनवरी को हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास पर हुई छापेमारी के दौरान मिले तथ्यों के आधार पर हुई पूछताछ में हेमंत सोरेन द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिये जाने के बाद ED ने उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी ईसीआईआर संख्या आरएनजेडओ/25/23 के सिलसिले में की गयी है. ईडी ने यह ईसीआईआर सदर थाने में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आलोक में की थी। ईडी ने मामले की प्रारंभिक जांच में यह पाया था कि बड़गाईं अंचल में डीएवी बरियातू के पीछे 8.45 एकड़ जमीन पर मुख्यमंत्री का कब्जा है। इस जमीन की मापी का निर्देश बड़गाईं अंचल को उदय शंकर नामक पीपीएस ने दिया था। वह मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के साथ प्रतिनियुक्त था।