नेशनल डेस्क। स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर एक इवेंट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहा कि भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा समय की मांग है। मोदी ने आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के मोरबी जिले में उनके जन्मस्थल टंकारा में आयोजित एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘स्वामी दयानंद सरस्वती ने उस समय हमें यह दिखाया कि हमारी रूढ़िवादी सोच और सामाजिक बुराइयों ने हमें किस प्रकार नुकसान पहुंचाया है।”

#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says, "…Swami Dayanand Saraswati during his time talked about the role & importance of women. Through new policies, the women of this country are progressing. Nari Shakti Vandan Adhiniyam was passed in the Lok Sabha & Vidhan Sabha & ensured… pic.twitter.com/2gmLHHGzgP
— ANI (@ANI) February 11, 2024
उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने ‘‘हिंदू समाज की रूढ़िवादिता और सामाजिक बुराइयों के कारण हमारे समाज की खराब छवि दिखाने की कोशिश की।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने समाज में महिलाओं के लिए समान अधिकारों की वकालत की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा व्यवस्था समय की मांग है। आर्य समाज विद्यालय इसका केंद्र रहे हैं। देश अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से इसका विस्तार कर रहा है। इन प्रयासों से समाज को जोड़ना हमारा दायित्व है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस राज्य में स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ था, उनमें जन्म लेना उनके लिए सम्मान की बात है।
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