मूणत को विस अध्यक्ष रमन सिंह दी समझाइश

रायपुर। सदन में मंगलवार को देशी-अंग्रेज़ी शराब की आपूर्ति,ओवर रेट और अवैध विक्रय का मामला सदन में छाया रहा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया कि क्या मामले में प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज होगी? इस पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी। अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा।

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सदन में मामला उठाते कहा कि किस नीति के आधार पर शराब की ख़रीदी की जाती है? मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि शराब नीति बनी हुई है। मांग के अनुपात में शराब कंपनियों से इसकी आपूर्ति की जाती है. टेंडर के माध्यम से ख़रीदी की जाती है।

राजेश मूणत ने पूछा कि 2019 से 23 तक छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ तीन कंपनी ही सप्लाई करती रही? देशी और विदेशी शराब में कितनी कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया. श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- राज्य में देशी शराब के तीन ही उत्पादक हैं. इसलिए तीन टेंडर ही आए. राजेश मूणत ने कहा- 2018-19 में 37, 2019-20 में 67 और इसके बाद 21 फ़र्मों ने टेंडर में भाग लिया था. इसके बाद संख्या कम हो गई।

स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने राजेश मूणत से कहा कि आपको ना देशी से मतलब है और ना विदेशी से फिर क्यों सवाल कर रहे हैं. मूणत ने कहा कि मतलब इसलिए है क्योंकि शराब से ही छत्तीसगढ़ में ईडी की जांच शुरू हुई। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- शासन की नीति थी कि देशी शराब के लिए छत्तीसगढ़ के डिस्टलरी ही टेंडर में शामिल होगी।

जिलों को आठ ज़ोन में बाँटकर तीनों डिस्टलरी से सप्लाई की जाती थी. राजेश मूणत ने कहा कि पांच साल तक एक ही कंपनी ने सप्लाई की है। ये हाल अंधा बांटे रेवड़ी चुन चुन कर दे वाला मामला है। क्या पांच साल तक सप्लाई के लिए एक ही डिस्टलरी को काम दिया गया। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- टेंडर में सबसे कम दर की वजह से एक ही कंपनी को सप्लाई का काम दिया गया। दर कम आएगी तो आगे भी कम देंगे।