नेशनल डेस्क। आप सबको यह मालूम है की परीक्षाओं के दौरान स्कूल छात्रों को प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्त‍िका दोनों उपलब्ध कराते हैं। एग्जाम के बाद छात्र प्रश्नपत्र घर ले आते हैं और आंसर शीट जमा कर देते हैं। लेकिन कर्नाटक सरकार ने आज बुधवार को राज्य के सभी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे परीक्षा के दौरान छात्रों को केवल क्वेश्चन पेपर ही दें और आंसर-शीट्स छात्रों को खुद लाने के लिए कहें। विभाग ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ब्लॉक स्तर पर करने का भी निर्णय लिया है।

यह निर्देश विशेष रूप से कक्षा 5, 8, 9 के लिए है। हालांकि अभी कर्नाटक सरकार के इस फैसले की पीछे की वजह सामने नहीं आई है। कर्नाटक राज्य परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (KSEAB) परीक्षा आयोजित करने का प्राधिकारी है। परीक्षा पहले 11 से 18 मार्च तक परीक्षा निर्धारित की थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने सोमवार को 11 तारीख से शुरू होने वाली 5वीं और 8वीं कक्षा की पब्लिक/बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है। इसके अलावा, 9वीं और 11वीं का पब्लिक एग्जाम भी रद्द कर दिया गया है।

आंसर शीट्स मामले में बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या ने सिद्धारमैया सरकार की खिल्ली उढ़ाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा, ‘कांग्रेस सरकार, जिसने कर्नाटक को दिवालियापन में धकेल दिया है, अब छात्रों को अपनी आंसर शीट्स लाने के लिए मजबूर कर रही है। बोर्ड परीक्षाओं के लिए खुद की आंसर शीट्स। यह सरकार पूरी तरह से गड़बड़ है और पद पर बने रहने की गरिमा खो चुकी है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से शिक्षा विभाग को तुरंत धनराशि उधार लेने और शिक्षा विभाग को जारी करने चाहिए और आंसर शीट्स छपवाना सुनिश्चित करने का आग्रह करें। सरकार की दूरदर्शिता और योजना की कमी से छात्र समुदाय पर दबाव नहीं पड़ना चाहिए।

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