Overview:

सरपंच से सीधे सांसदी की टिकट मिलने पर महेश कश्यप ने कहा कि वे यह चुनाव जीत रहे हैं। कांग्रेस को वो कोई चुनौती नहीं मानते। विधानसभा चुनावों से यह साफ है कि कांग्रेस एक बार फिर बस्तर हारने जा रही है।

  • बस्तर लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी की द रूरल प्रेस से खास बातचीत

रायपुर।अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने छत्तीसगढ़ के अपने सभी 11 संसदीय क्षेत्र के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। दुर्ग और राजनांदगांव से दो वर्तमान सांसदों को टिकट दी गई है। कोरबा से दुर्ग से पूर्व सांसद रही सरोज पांडे की टिकट दी है। ये तीन ही ऐसे नाम हैं जो पहले संसद में बैठ चुके हैं। इसके अलावा कई नए नामों को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। इसमें सबसे आश्चर्य करने वाला नाम है बस्तर के प्रत्याशी महेश कश्यप का। महेश कश्यप के अगर पॉलिटिकल बैक्ग्राउंड की बात करें तो वे 2015 से 2020 तक सरपंच रहे। 2020 से इनकी पत्नी उसी ग्राम सभा से सरपंच है। देखा जाए तो गांव के मुखिया के तौर पर करीब साढ़े 9 साल से महेश कश्यप के परिवार का दबदबा है। इसके बाद भी सीधे सांसदी की टिकट मिलना, सभी को हैरान करने वाला है। टिकट मिलने के बाद द रूरल प्रेस से महेश कश्यप ने खास बातचीत की। इस चर्चा में महेश कश्यप से जब पूछा गया कि सरपंच को सांसद की टिकट देने के पीछे क्या कारण है तो उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भाजपा ही कर सकती है कि पूर्व सरपंच को सांसदी की टिकट दे। भाजपा अपने कार्यकर्ताओं का सम्मान करती है और उसी का नतीजा है कि आज मैं बस्तर से भाजपा का लोकसभा का प्रत्याशी हूं।

पढ़िए इसी तरह के अन्य सवाल और उनके जवाब:

सवाल : विस चुनाव में भी आप टिकट के दावेदार थे। अब सीधे सांसद की टिकट मिली है। इसके लिए आपने किससे अप्रोच लगवाया?

जवाब : बिल्कुल विस चुनाव में दावेदारी की थी, लेकिन जिस क्षेत्र का मैं निवासी हूं, वहां की जगह दूसरी जगह से टिकट मांगा। इस वजह से नहीं मिली। सांसद की टिकट के लिए मैंने किसी को नहीं कहा। कहीं से भी अप्रोच नहीं लगवाया। पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर काम करता रहा और उसी का इनाम मिला कि मुझे टिकट दे दी गई।

सवाल : पिछले विस चुनाव में 11 सीटें जीतने वाली कांग्रेस की बस्तर में हार की बड़ी वजह?

जवाब : कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने बस्तर में धर्मांतरण को बढ़ावा दिया। हम लोगों ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। इससे आदिवासी समाज में बड़ी नाराजगी थी और उसी का नतीजा था कि कांग्रेस के दिग्गज नेता, अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष भी अपनी सीट नहीं बचा सके।

सवाल : बस्तर सीट को पिछली बार कांग्रेस ने जीता था। दीपक बैज वहां से सांसद हैं। कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी की कितनी चुनौती मानते हैं आप?

जवाब: मैंने आपसे पहले ही कहा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता विस चुनाव बस्तर में हारे हैं। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि भाजपा के लिए चैलेंज बिल्कुल भी नहीं है। हम कांग्रेस काे चुनौती ही नहीं मान रहे हैं। हम यह चुनाव जीत रहे हैं। इसके बाद हम संसद में बस्तर का मुद्दा उठाएंगे और बस्तर का विकास करेंगे।

सवाल : अगर आप चुनाव जीतते हैं तो बस्तर में ऐसा क्या बदलाव करना चाहते हैं, जो अब तक की सरकारों ने नहीं किया है?

जवाब : बस्तर में रेल ट्रांसपोर्ट की हालत सही नहीं है। रायपुर और प्रदेश के अन्य शहरों से ट्रेन कनेक्टिविटी के नाम पर काफी पिछड़ा हुआ है, जिसकी वजह से बस्तर से लोगों को रायपुर आने के लिए या तो खुद की गाड़ी का इस्तेमाल करना होता है या फिर बस का। इससे उन्हें रायपुर या छत्तीसगढ़ के अन्य हिस्सों में जाने के लिए खर्च महंगा पड़ता है। हमारी कोशिश रहेगी, कि रायपुर और अन्य शहरों से बस्तर की ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाई जाए। रेल मार्ग जो अभी काफी लंबा पड़ता है उसे हम रायपुर से सीधे कनेक्ट करने की कोशिश करेंगे।