गबन, CEO
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पंकज देव के खिलाफ सिमगा में मामला दर्ज

रायपुर। 10 लाख रुपये के गबन के मामले में गिरफ्तारी के बाद निलंबित हुए पूर्व जनपद पंचायत सीईओ पंकज देव को राज्य सरकार ने बहाल कर दिया है। हाईकोर्ट के आये फैसले के बाद मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहे पंकज देव को राज्य सरकार ने बहाली के बाद नयी पोस्टिंग दी है। उन्हे राज्य सरकार ने राजनांदगांव का सहायक परियोजना अधिकारी बनाया है।

पंकज देव के खिलाफ सिमगा में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद पुलिस ने शासन से मिले 10 लाख रुपये के गबन के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। पूरा मामला दामाखेड़ा में धर्मदास साहब के 625वें प्राकट्य उत्सव के लिए शासन से मिले 10 लाख रुपये के गबन का है। गबन में मदद करने वाले दुर्गेश देवांगन, लिखोराम देवांगन व श्रेयांश देवांगन को भी मामले में गिरफ्तार किया गया था।

दरअसल महोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रकाश थपके ने सिमगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दामाखेड़ा में 2020 में धर्मदास साहब का 625वां प्राकट्य उत्सव मनाया जाना था। महोत्सव में खर्च करने के लिए शासन की ओर से 10 लाख रुपये का अनुदान दिया गया था। इस राशि को ग्राम की सरपंच पूर्णिमा देवांगन, सचिव राजू देवांगन और अन्य लोगों ने फर्जीवाड़ा करके निकाल लिया और गबन कर दिया।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत अपराध दर्ज किया। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि मामले में सिमगा में पदस्थ तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ पंकज देव (51 वर्ष) की भी संलिप्तता थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 467, 468, 471, 120, 212 और 34 आईपीसी की भी धारा जोड़कर कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

मामले में पंकज देव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनके निलंबन को खत्म करने का आदेश दिया था। उन्हें अब नयी पदस्थापना दी गयी है। वहीं विभागीय जांच और आपराधिक प्रकरण की जांच को लेकर विभाग की तरफ से अलग से कार्रवाई की जायेगी।

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