रायपुर। वाणिज्य और प्रबंधन संकाय, कलिंगा विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ ने 22 मार्च, 2024 को “एचआरएम में नवीनतम रुझान” नामक एक सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य मानव संसाधन प्रबंधन (एचआरएम) में समकालीन प्रथाओं और नवाचारों पर चर्चा करना था। इस कार्यक्रम ने एचआरएम के उभरते परिदृश्य से अवगत रहने में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आकर्षित किया।

सेमिनार की शुरुआत हुकुम चंद यादव के एक व्यावहारिक भाषण के साथ हुई, जिसमें उन्होंने रियल इस्पात एंड पावर लिमिटेड के एवीपी और हेड एचआर के रूप में अपनी समृद्ध विशेषज्ञता का परिचय दिया, उन्होंने दर्शकों को वास्तविक दुनिया के उदाहरणों और केस अध्ययनों से अवगत कराया और इस बात पर प्रकाश डाला कि आधुनिक संगठन कैसे तेजी से बदलते कारोबारी माहौल की मांगों को पूरा करने के लिए अपनी मानव संसाधन रणनीतियों को तीव्रता से बदलते रहते हैं।

दूसरे सत्र में हॉस्पिटैलिटी आईएमएस एसयूएम की प्रतिष्ठित प्रोफेसर डॉ. ऑरोलिपी दास ने गुणवत्ता प्रबंधन और प्रशासनिक पहलुओं पर ध्यान देने के साथ एचआरएम प्रथाओं को आकार देने वाले नवीनतम रुझानों पर अपनी अकादमिक अंतर्दृष्टि और शोध निष्कर्षों को साझा किया। डॉ. दास ने संगठनात्मक सफलता सुनिश्चित करने में मानव संसाधन की उभरती भूमिका का समग्र दृष्टिकोण प्रदान किया।

सेमिनार ने एक इंटरैक्टिव माहौल को बढ़ावा दिया, जिससे प्रतिभागियों को चर्चा में शामिल होने, सवाल पूछने और अपने अनुभव और दृष्टिकोण साझा करने की अनुमति मिली। उपस्थित लोगों ने वक्ताओं द्वारा साझा किए गए ज्ञान की गहराई और समकालीन मानव संसाधन परिदृश्य को समझने में चर्चा किए गए विषयों की प्रासंगिकता की सराहना की।

कलिंगा विश्वविद्यालय इस सेमिनार जैसे ज्ञान-साझाकरण प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है और एचआरएम के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से और अधिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए तत्पर है।

सेमिनार का संचालन कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर के वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय के डॉ. चंद्र भूषण सिंह और रक्षक भारती ने किया। समारोह की संचालिका दीप्ति पटनायक, सहायक प्रोफेसर वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर थीं।

कलिंगा विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय की विभागाध्यक्ष शिंकी के पांडे ने आभार व्यक्त किया और कहा कि इस प्रकार के सेमिनार छात्रों के समग्र विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं।

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