रायपुर। होली के त्यौहार और इससे पूर्व सरकार की शराब दुकानों में बैठने वाले कर्मचारियों ने खुलेआम अधिक कीमत पर शराब की बोतलें बेचीं। इस दौरान लोगों की शिकायत पर आबकारी विभाग के अमले ने दुकानों पर जाकर औचक जांच की। शिकायत सही पाए जाने के बाद रायपुर जिले की 16 शराब दुकानों के सुपरवाइजरों को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है।

प्रिंट रेट से ज्यादा दर पर बिकी

आबकारी उपायुक्त विकास कुमार गोस्वामी ने TRP न्यूज से चर्चा में बताया कि शराब दुकानों में बतौर ग्राहक शराब की खरीदी किये जाने पर जहां भी अधिक कीमत पर बिक्री पाई गई, वहां कार्यरत सुपरवाइजर को हटाने की कार्यवाही की गई है। जिले की शराब दुकानों में सुमित फेसिलिटीज नामक फर्म द्वारा कर्मचारी मुहैया किये गए है। इस कंपनी को कुल 16 सुपवाइजर्स की लिस्ट भेज कर इन्हें हटाने का निर्देश दिया गया है।

होली के मौके पर सर्वाधिक बिकती है शराब

वर्ष में होली का मौका ऐसा होता है, जब शराब दुकानों में सर्वाधिक बिक्री होती है। ऐसे मौके पर इन दुकानों में अधिक बिकने वाले ब्रांड के शराब प्रिंट रेट से ज्यादा दर पर बेचे गए। ग्राहकों ने इसका विरोध भी किया तो कर्मचारियों ने उल्टे धौंस दिखा दी कि जहां शिकायत करना है कर लो।

बदली हुई सरकार में इस तरह की शिकायत को आबकारी विभाग के अधिकारियों ने गंभीरता से लिया और जांच के बाद 16 सुपरवाइजरों को बर्खास्त कर दिया। बताया यह भी गया है कि अभी और दुकानों में भी कार्रवाई की जा सकती है। इस कार्रवाई से शराब दुकानों में हड़कंप की स्थिति है।

शराब के कृत्रिम शॉर्टेज की भी शिकायत

होली के मौके पर शराब दुकानों में पहुंचने वाले ग्राहकों को निराशा तब हुई, जब उनके मनपसंद गोवा जैसे ब्रांड की बोतल नहीं मिली। कई दुकानों में ऐसी स्थिति थी। पूछने पर दुकान में मौजूद कर्मियों द्वारा दलील दी गई कि वेयर हाउस में उन्हें इस तरह के ब्रांड की बोतलों के लिए अधिकारियों को चढ़ावा देना पड़ता है। नहीं देने पर उन्हें गोवा जैसे ब्रांड का स्टॉक नहीं होना बता दिया जाता है।

इस संबंध में पूछे जाने पर आबकारी उपायुक्त विकास कुमार गोस्वामी ने कहा कि दुकानों का स्टॉक और कीमत ऑनलाइन देखा जा सकता है। वहीं वेयर हाउस में स्टॉक नहीं होने पर ही शराब की संबंधित ब्रांड नहीं दी जाती है, अन्यथा पर्याप्त स्टॉक होता है।

बहरहाल ओवर रेट पर शराब बेचे जाने के बाद पहली बार बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। मगर जिस तरह पूर्व में ऐसे मामलों में संबंधितों के खिलाफ FIR का प्रावधान था, ऐसा इस बार नहीं किया गया है। वहीं प्रदेश की राजधानी में भी इस तरह खुलेआम ओवर रेट पर शराब की बिक्री पर स्थानीय आबकारी अमले का संरक्षण न हो ऐसा संभव नजर नहीं आता है।