0 खरीदी से 17 हजार 210 क्विंटल धान का कम मिला था स्टॉक

महासमुंद। जिले की पिरदा सहकारी समिति में किसानों से खरीदे धान, बारदाना के रखरखाव व भंडारण में 4 करोड़ 44 लाख 65 हजार 510 रुपए का घोटाला मामले में 7 लोगों पर FIR दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले में आरोपियों का नाम बताने से परहेज कर रही है।

बता दें कि इस समिति में खरीदी से 17 हजार 210 क्विंटल धान का स्टॉक कम मिला था। साथ ही धान की 65 हजार 467 बोरियां कम पाई गई थी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ करीब 3 साल बाद बसना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जानकारी मिली है कि न्यायालय के आदेश पर बसना पुलिस ने पिरदा सहकारी समिति में साल 2021 को हुई गड़बड़ी की शिकायत पर धारा 153, 3 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।

ऑडिटर की जांच में हुआ खुलासा

दरअसल यह मामला 2020 -21 का है और शिकायत है कि धान खरीदी करने वाली समिति में धान के बोरों का रख-रखाव और बरदानो के हिसाब किताब में भारी गड़बड़ी की गई। इस दौरान जिला विपणन अधिकारी द्वारा नियुक्त सरकारी अमले और फिर सहकारी समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों और कर्मियों द्वारा अफरा-तफरी की गई। जिसकी शिकायत पर जिला विपणन अधिकारी ने अपने कार्यालय के दो ऑडिटर्स को जांच की जिम्मेदारी सौंपी।

जांच में मिली यह गड़बड़ी

ऑडिटर्स की जांच में यह पाया गया कि पिरदा सहकारी समिति में 2021 में कुल 68539.20 क्विंटल धान खरीदी गई थी। जिसमें 17 हजार 210 क्विंटल धान की कमी पाई गई। तब राज्य सरकार 2500 रुपए के समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल धान खरीद रही थी। लिहाजा धान खरीदी, रखरखाव और परिवहन में ही 4 करोड़ 30 लाख 26 हजार 800 रुपए की अनियमितता बरती गई। वहीं समिति में जांच के दौरान 65 हजार 467 बारदाने की कमी पाई गई। इस बारदाने की कीमत 14 लाख 38 हजार 710 रुपए है। यानी धान खरीदी और बारदाने में 4 करोड़ 44 लाख 65 हजार 510 रुपए का घपला किया गया।

रिपोर्ट पर पुलिस ने नहीं लिखी FIR

पिरदा में धान की खरीदी करने वाली समिति का नाम प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति, पिरदा है, जिसकी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिला विपणन अधिकारी ने समिति के तत्कालीन अध्यक्ष राजेश सिदार को पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया, मगर तब पुलिस ने FIR दर्ज नहीं किया।

न्यायालय में करना पड़ा परिवाद

समिति के वर्तमान प्रबंधक रोहित पटेल ने TRP न्यूज़ को बताया कि 3 जून 2023 को FIR के लिए पुलिस को लिखा गया मगर पुलिस द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं करने के बाद इस मामले में न्यायालय में परिवाद दायर करना पड़ा। सुनवाई के बाद न्यायालय ने बीते 20 मार्च को इस मामले में पुलिस को संबंधित आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करते हुए कार्रवाई करने को आदेशित किया है।

आदेश का पुलिस ने किया पालन

न्यायालय ने आदेश दिया कि इन सभी आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज किया जाए। जिसके बाद बसना थाने में यह मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने धारा 153 और 3 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। हालांकि 3 साल बाद मामला दर्ज हुआ और अब तक दोषी कर्मचारी पदोन्नत होकर बड़े पद पर भी चले गए हैं। बताया जा रहा है कि अपराध दर्ज होने के बाद बसना पुलिस गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है, लेकिन अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं।

आरोपियों के नाम उजागर करने से परहेज

इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह का मीडिया से कहना है कि मामला साल 2020-21 में हुए धान घोटाले से संबंधित है। इसमें 7 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें वैधानिक कार्रवाई जारी है। नाम नहीं बता सकता। वहीं बसना थाना प्रभारी शशांक पौराणिक ने भी कहा कि धान घोटाले मामले में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर किया गया है। जिनके खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है, उनके नाम नहीं बता सकता। बस इतना ही ब्रीफ है कि धान घोटाले में कार्रवाई हुई है।

अभी भी बसना पुलिस इस मामले को संवेदनशील बताते हुए जिन आरोपियों के खिलाफ एफ आईआर दर्ज की गई है, उनके नाम बताने से इंकार कर रही है। हालांकि शिकायतकर्ता ने विभागीय जांच में जिन 7 लोगों पर अनियमितता का आरोप लगा था, उनका नाम सार्वजनिक कर दिया है। संभव है कि इन्हीं के नाम FIR में दर्ज हों :