Gold-Silver Price Hike: सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यह सच है कि जब-जब दुनिया पर किसी भी तरह का बड़ा संकट गहराता है तो सोने और चांदी के भाव बढ़ने लगते हैं। जब शांति रहती है तो दोनों कीमती धातुएं बहुत कम मूव करती हैं। ऐसा क्यों है? जानिए…

ग्लोबल मार्केट से लेकर भारतीय बाजारों तक सोना निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन और ब्याज दरों में देरी की आशंका से बुलियन मार्केट में लगातार रिकॉर्ड बन रहे। MCX पर पहली बार सोने का रेट 72600 रुपए के पार निकला। चांदी भी उछलकर रिकॉर्ड 84100 रुपए के ऊपर निकल गया है। कॉमैक्स पर भाव भी 2400 डॉलर प्रति ऑन्स के ऊपर है।

घरेलू बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव करीब 800 रुपए उछल गया है। पहली बार 10 ग्राम का रेट 72650 रुपए के पार निकल गया है। चांदी भी करीब 1100 रुपए तक उछली है। एक किलोग्राम चांदी का रेट पहली बार 84100 रुपए के पार निकल गया है।

आखिर बुरे समय में क्यों बढ़ता है सोना?

Gold-Silver Price Hike: जब-जब दुनिया में देशों के बीच टकराव या युद्ध की स्थिति बनती है तो सोने के भाव बढ़ जाते हैं। केवल सोना ही नहीं, चांदी भी सोना हो जाती है। इससे पहले आपने रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के शुरू होते समय भी देखा होगा कि सोना महंगा होने लगा था।

अब सवाल ये पैदा होता है कि आखिर सोना और चांदी में आमतौर पर सुस्ती नजर आती है, मगर किसी भी विकट स्थिति में इन दोनों के भाव तेजी से क्यों बढ़ने लगते हैं। दो देशों के बीच लड़ाई हो या फिर कोरोना जैसी वैश्विक महामारी, सोने को हमेशा बढ़ते हुए देखा गया।

दरअसल, विकट स्थितियों और कीमती धातुओं (सोना और चांदी) के बीच विपरीत संबंध है। जब चारों तरफ शांति होती है तो बड़े निवेशक शेयर बाजारों (इक्विटी) का रुख करते हैं और ज्यादा पैसा इसी बाजार में लगाते हैं। इक्विटी में पैसा लगाने का फायदा ये होता है कि उन्हें किसी भी दूसरे एसेट के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलते हैं। बड़े निवेशक, जिनमें बाजार को मूव कराने की कुव्वत होती है, अपना पैसा गंवाते नहीं हैं। उनका निवेश हमेशा ऐसी जगह पर होता है, जहां से उन्हें मुनाफा हो।

Gold-Silver Price Hike: जब दो देश लड़ते हैं या कोई वैश्विक संकट पैदा होता है तो दुनियाभर के बाजार प्रभावित होते हैं। बाजारों पर असर होने के साथ ही इक्विटी मार्केट गिरने लगती है। इसी स्थिति को भांपते हुए बड़े निवेशक अपने पैसे को मूव करते हैं। वे इक्विटी में निवेश को घटाकर, सबसे सुरक्षित एसेट माने जाने वाले सोना और चांदी में निवेश करने लगते हैं। यदि इक्विटी में उन्हें लॉस होगा तो उसकी भरपाई सोना और चांदी कर ही देंगे। यही वजह है कि संकट की घड़ी में सोना और चांदी के भाव ऊपर की तरफ मूव होने लगते हैं।

सोना-चांदी निवेशकों का सुरक्षित ठिकाना

इसके अलावा, ऐसे अन्य कारक भी हैं जो निवेशकों को सोने और चांदी की ओर ले जा रहे हैं क्योंकि इनमें निवेश साधन और मुद्रा दोनों के गुण हैं। ऐसे अनिश्चितता के समय में इन दोनों मेटल को निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना माना जाता है। उदाहरण के लिए, यूरोप में रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में इजराइल-हमास युद्ध जैसे भू-राजनीतिक तनाव निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित-संपत्ति की ओर आकर्षित कर रहे हैं।

भारत में सोने और चांदी की कीमतों में क्यों आता है उछाल

भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमतों में उछाल की सबसे बड़ी वजह है कि भारत इन मेटल का सबसे बड़ा उत्पादक है। फेस्टिव सीजन में गोल्ड और सिल्वर खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस, दिवाली जैसे फेस्टिव सीजन में कई लोग सोना और चांदी खरीदते हैं। इस वजह से भी इनकी कीमतों में बढ़त होती है।

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