रायपुर। दो दिन पहले तेलीबांधा के अशोका बिरयानी रेस्टोरेंट के गटर में उतारे जाने से दो युवकों की मौत के मामले में 39 घंटे तक जमकर बवाल मचा। रेस्टोरेंट प्रबंधन की तरफ से घटना को छिपाने के लिए पहले परिजनों को झूठी सूचना देने और फिर कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों से मारपीट को लेकर मचा बवाल शनिवार सुबह 4 बजे खत्म हुआ। मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख रुपए मुआवजा और हर महीने 15-15 हजार रुपए देने के वादे के साथ ही जिम्मेदार प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई के दावे के साथ ही हंगामा शांत हुआ। मुआवजे की रकम रेस्टोरेंट प्रबंधन ने ही दी। अशोका बिरयानी सेंटर के एमडी केके तिवारी, सीईओ सनाया तिवारी, जीएम रोहित चंद और ब्रांच मैनेजर रोमिन मंडल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है।

जानकारी के अनुसार गुरुवार को रेस्टोरेंट के दो स्टाफ डेविड साहू और नीलकमल पटेल को गटर की सफाई के लिए उतार दिया गया। दोनों को गटर सफाई का कोई अनुभव नहीं था। उतारने के बाद गटर के चेंबर के ढक्कन को बंद कर दिया। इससे अंदर दम घुटने और जहरीली गैस के संपर्क में आने से दोनों की मौत हो गई। घटना के बाद प्रबंधन ने परिजनों को एक्सीडेंट की सूचना दी। इस दौरान गुरुवार को कवरेज करने जब पत्रकार पहुंचे तो उनके साथ झूमा-झटकी और मारपीट की गई। इस मामले में पत्रकारों के बवाल के बाद तेलीबांधा थाने में शाम को होटल के जीएम और ब्रांच मैनेजर सहित 6 के खिलाफ एफआईआर की गई और उन्हें शुक्रवार को जेल भेजा गया। शुक्रवार को शव के पोस्टमार्टम के बाद परिजन शव लेकर रेस्टोरेंट के बाहर पहुंच गए। रेस्टोरेंट संचालित हो रहा था, जिसे देखकर सभी ने काफी नाराजगी जताई। रायपुर ग्रामीण के विधायक मोतीलाल साहू भी मौके पर पहुंचे। परिजनों के साथ वे भी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई और मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। देर रात तक वे बैठे रहे। जिला प्रशासन के अफसर भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने की मांग की, लेकिन वे नहीं माने।

गुरुवार से शुरू हुआ बवाल शुक्रवार रात तक भी जब नहीं थमा तो डिप्टी सीएम मंत्री विजय शर्मा के आने की खबर लगी। यह सूचना मिलते ही कलेक्टर गौरव सिंह और एसएसपी संंतोष सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने मोर्चा संभाला। रात एक बजे गृह मंत्री पहुंचे तो परिजनों को समझाया। डेविड साहू के परिजन एक करोड़ रुपए मुआवजा और प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे। गृह मंत्री और जिला प्रशासन की दखल के बाद नीलकमल पटेल के परिजन 15 लाख रुपए मुआवजे के लिए तैयार हो गए। फिर शव को लेकर गृहग्राह जांजगीर के लिए रवाना हो गए। लेकिन डेविड साहू के परिजन नहीं माने। करीब एक घंटे की मान मनौव्वल के बाद वे 15 लाख रुपए मुआवजे और हर महीने 15-15 हजार रुपए गुजारा भत्ता के लिए माने। सुबह 4 बजे वे लोग डेविड का शव लेकर रवाना हुए। इसके अलावा प्रबंधन के 4 जिम्मेदारों एमडी, सीईओ, जीएम और ब्रांच मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।