रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित शराब घोटाले के केस में आखिरकार पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को गिरफ्तार कर लिया है। रविवार सुबह करीब 4 बजे उनकी गिरफ्तारी की गई है। कथित घोटाले की सालभर पहले दर्ज की गई ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट से खारिज किए जाने के बाद ईडी ने राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की एफआईआर को आधार बनाकर नई ईसीआईआर दर्ज की थी। इसी रिपोर्ट के बाद अनिल टुटेजा की पहली गिरफ्तारी की गई है। गिरफ्तारी से 12 घंटे पहले अनिल टुटेजा को ईडी ने तब हिरासत में लिया था, जब अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा ईओडब्ल्यू से बयान देकर निकल रहे थे। उनके ईओडब्ल्यू दफ्तर में रहने के दौरान ही ईडी की टीम दफ्तर के बाहर समंस लेकर पहुंच गई थी। समंस देकर फौरन टीम उन्हें अपने साथ ले गई। पूछताछ के बाद बेटे यश टुटेजा को छोड़ दिया गया।

ईडी ने कथित घोटाले में नई ईसीआईआर 4/2024 दर्ज की है। इसी की जांच के तहत पूर्व आईएएस को हिरासत में लिया था। नई रिपोर्ट शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी हुई है, जो पूर्व की ईसीआईआर में नहीं था। यही वजह है कि सालभर पहले वाली ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। नई रिपोर्ट में ईडी अनिल टुटेजा को ही पूरे घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग का मास्टरमाइंड बता रही है। ईडी का कहना है कि सरकार के पॉवरफुल अफसर होने की वजह से उन्होंने सिंडिकेट बनाकर पूरे घोटाले की साजिश रची। इस साजिश में उन्होंने ही कारोबारी अनवर ढेबर और अफसर एपी त्रिपाठी को शराब की मार्केटिंग के लिए बनाए गए कॉर्पोरेशन का एमडी बनवाया था।

ईडी ने डेढ़ दर्जन पन्नों में गिरफ्तारी के लिए आधार तैयार किया है। इन पन्नों में ईडी ने बताया है कि शराब घोटाला क्या था? इस में अपराध कैसे हुआ? कैसे मनी लॉन्ड्रिंग की गई? और आखिर में इसमें अनिल टुटेजा की क्या भूमिका थी। ईडी ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाले का ‘आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम’ लिखा है। फिलहाल ईडी इस मामले में आरोपी टुटेजा को कोर्ट में पेश करेगी। रविवार होने की वजह से ईडी उन्हें रेगुलर कोर्ट में पेश नहीं कर सकेगी। ऐसे में छुट्‌टी में बैठे जज के कोर्ट में ही उन्हें पेश किया जाएगा। ईडी रिमांड मांगेगी।