Mahadev Satta App: महादेव सट्टा ऐप का नेटवर्क के संचालन के लिए 32 फर्जी कंपनियों के नाम पर भारत से 4 हजार सिम कार्ड दुबई भेजे गए थे। इन्हीं कार्ड्स के जरिए फर्जीवाड़े का यह पूरा तंत्र रचा गया। इस पूरे सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए 10 हजार से भी ज्यादा युवाओं को नौकरी देने के नाम पर दुबई भेजा गया।

Mahadev Satta App: दुबई में बैठा आपरेटर अभिषेक निकला आरोपी का फुफेरा भाई

Mahadev Satta App:महादेव सट्टा ऐप का इंडिया हेड अभय सिंह ने पूछताछ में यूपी STF को बताया कि, उसकी बुआ का बेटा अभिषेक सिंह दुबई में रहता है। साल 2021 में अभिषेक ने फोन पर बात की और कहा कि, अपने क्षेत्र से गरीब और अनपढ़ लोगों को उनके नाम से सिम खरीदने के लिए तैयार करो।

Mahadev Satta App: भिलाई के शुभम सोनी और चेतन को दिए गए सिम का UPC कोड

इसके बदले उन्हें हर महीने 25 हजार रुपए वेतन मिलेगा। सिम एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कराते थे। हर महीने 30-35 सिम पोर्ट कराकर भिलाई निवासी शुभम सोनी को दिए गए। शुभम सोनी पहले से ही अभिषेक के साथ काम करता था। सिम का UPC कोड अभिषेक के साथ काम करने वाले भिलाई के ही चेतन को देता था।

Mahadev Satta App: सिम एक्टिवेट होने पर मिलता था 2 हजार रुपए कमीशन

यूपी STF को पूछताछ के दौरान अभय ने बताया कि, मुझे पहली सैलरी 75 हजार रुपए मिली। इसके बाद उसे कॉर्पोरेट सिम खरीदने को कहा गया। फर्जी दस्तावेज से कंपनियों के नाम पर इन सिमों को रजिस्टर्ड किया गया। इसमें चेतन भी कुछ कंपनियों के दस्तावेज और फर्जी आधार कार्ड भेजता था।

Mahadev Satta App: इन सिमों के एक्टिवेशन पर 2 हजार रुपए का कमीशन मिलता था। शुभम इस पूरे नेटवर्क का सुपरविजन करता था। वह महीने में 150 से 200 सिम एक्टिवेट कराकर दुबई भेजता था। फरवरी 2024 से कॉर्पोरेट सिम लेने पर कंपनी के साथ-साथ कर्मचारी के नाम का भी KYC होने लगा।

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