नेशनल डेस्क। बाराबंकी लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कांग्रेस नेता तनुज पुनिया ने 2,11,911 वोटों से जीत दर्ज की। तनुज पुनिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी राजरानी रावत को करारी शिकस्त दी। इंडिया गठबंधन प्रत्याशी तनुज पुनिया को 7,11,849 वोट मिले, वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 4,99,938 वोट मिले। तनुज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी रहे पीएल पुनिया के बेटे हैं। पिछली बार भी वे चुनाव लड़े थे, लेकिन वे हार गए। बाराबंकी लोकसभा सीट पर 5वें चरण में 20 मई को वोटिंग हुई थी। यहां कुल 67.10 फीसदी वोट पड़े थे। बीजेपी ने इस सीट पर लगातार दूसरी बार उपेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया था। हालांकि उसी समय उनका एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद बीजेपी ने उनका टिकट काटकर राजरानी रावत को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह यहां पर ‘कमल’ नहीं खिला पाईं।

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर 63.61 फीसदी वोटिंग हुई थी। उस समय भी मुकाबला त्रिकोणीय था, लेकिन बीजेपी के टिकट पर उपेंद्र सिंह रावत 1 लाख 9 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए थे। उन्हें इस चुनाव में कुल 5 लाख 35 हजार 594 वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी और सपा के उम्मीदवार राम सागर रावत 4 लाख 25 हजार वोट पाकर दूसरे और कांग्रेस के टिकट पर तनुज पुनिया 1 लाख 59 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे। बाराबंकी लोकसभा सीट को अलग मिजाज का क्षेत्र माना जाता है। इस सीट पर आज तक किसी भी पार्टी का प्रभुत्व लंबे समय तक नहीं रहा है। साल 2014 में इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला हुआ था। उस समय बीजेपी के टिकट पर प्रियंका सिंह रावत 4 लाख 54 हजार वोट पाकर विजयी हुई थीं। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार पीएल पुनिया को 2 लाख 11 हजार वोटों के अंतर से हराया था। पीएल पुनिया को कुल 2 लाख 42 हजार वोट मिले थे। इसी प्रकार बसपा के कमला प्रसाद रावत 1 लाख 67 हजार वोट पाकर तीसरे और सपा के टिकट पर राजरानी रावत 1 लाख 59 हजार वोट पाकर चौथे स्थान पर रही थीं। पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले बाराबंकी को साधु-संतों की तपोस्थली होने का गौरव प्राप्त है। अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व इस लोकसभा क्षेत्र में राज्य की 5 विधानसभा सीटें कुर्सी, रामनगर, बाराबंकी, जैदपुर और हैदरगढ़ आती हैं। इनमें 3 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है तो बाकी की 2 सीटें समाजवादी पार्टी के कब्जे में हैं।

1984 में यह सीट कांग्रेस पार्टी के कमला प्रसाद रावत ने जीत ली। 1989 में रामसागर रावत जनता दल के टिकट से जीते और फिर 1991 में वह जनता पार्टी और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद बने। 1998 में पहली बार यहां बीजेपी का खाता खुला और बैजनाथ रावत सांसद बने। 1999 में सपा के टिकट पर एक बार फिर राम सागर रावत सांसद बने। 2009 में कांग्रेस के पीएल पुनिया यहां से जीत कर संसद पहुंचे थे। 2014 से यह सीट बीजेपी के पास है। पहले चुनाव में प्रियंका सिंह रावत सांसद बनी थीं तो 2019 में इस सीट पर उपेंद्र सिंह रावत ने बीजेपी का झंडा फहराया था।