नेशनल डेस्क

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के शुरुआती रुझान आने लगे हैं। शुरुआती रुझान में तो एनडीए सरकार बनाती दिख रही है लेकिन दक्षिण भारत में एनडीए ने दो राज्यों में अच्छा किया है तो वहीं तीन राज्यों में इंडिया ने कमाल किया। आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में एनडीए का प्रदर्शन बेहतर है। वहीं तमिलनाडू और केरल के अलावा कर्नाटक में इस बार कांग्रेस ने कमाल किया है। इन पांच राज्यों में 129 सीटें हैं। इनमें 70 सीटों पर इंडिया आगे चल रहा है। वहीं, एनडीए 47 सीटों पर आगे चल रही है।
दक्षिण भारत की सबसे ज्यादा सीटों वाले तमिलनाडू में इंडिया कमाल कर रहा है। इंडिया को यहां 39 में से 37 सीटों पर आगे है। वहीं एनडीए को सिर्फ 1 सीट ही मिलती दिख रही है। वो भी पीएमके को यह सीट मिल रही है। बीजेपी ने यहां खाता भी नहीं खोला। इंडिया से कांग्रेस 8, डीएमके 21 और अन्य सहयोगी 8 सीटों पर आगे हैं। वहीं केरल में इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। केरल में भाजपा खाता खोलते हुए दिख रही है। कांग्रेस यहां से 16 सीटों पर आगे हैं। जबकि बीजेपी 2 सीटों पर आगे है। दो सीटों पर सीपीआई आगे है।
इसके बाद कर्नाटक का नंबर आता है। कर्नाटक की 28 सीटों में बीजेपी 17 और जेडीएस 3 सीटों पर जीत रही है। यहां सबसे कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन सुधारा है। 2019 में बीजेपी ने 26 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार यहां वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रही है। यहां कांग्रेस 10 सीटों पर आगे, जबकि पिछली बार यहां कांग्रेस को एक ही सीटें मिली थीं।
बात अगर आंध्रप्रदेश की करें तो यहां 25 सीटों में से बीजेपी एनडीए की घटक दल टीडीपी के साथ 19 सीटों पर आगे हैं तो वहीं पिछली बार 22 सीटें जीतने वाली वाईएसआर कांग्रेस इस बार सिर्फ 4 सीटें ही जीतते दिख रही है। यहां एनडीए को 19 सीटों का फायदा दिख रहा है। इनमें तीन बीजेपी तो टीडीपी 16 सीटों पर जीत रही है। वहीं, कांग्रेस पिछली बार की तरह इस बार भी एक भी सीट यहां से जीतती नहीं दिख रही है। जबकि दो सीटें अन्य जीत रहे हैं।
आंध्रप्रदेश से 10 वर्ष पहले अलग हुए तेलंगाना की बता करें तो यहां भी बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। कुल 17 सीटों में यहां 8 सीटें बीजेपी जीतते दिख रही है। वहीं कांग्रेस भी 8 सीटें ही जीत रहा है। यहां सबसे बड़ा नुकसान बीआरएस को हो रहा है। पिछली बार यहां 9 सीटें बीआरएस ने जीती थीं। वहीं, एक सांसद असुद्दीन ओवैसी थे। इस बार बीआरएस की जीती सीटें बीजेपी कांग्रेस में बंट गईं।