रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नवनिर्वाचित सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सांसद और विधायक पद को लेकर बड़ा बयान दिया है। बृजमोहन अग्रवाल ने पत्रकार याज्ञयवल्क मिश्रा को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि वह विधायक या सांसद पद से कब इस्तीफा देंगे उसे पर वह विचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे मंत्री रहना है या सांसद यह पार्टी तय करेगी।

शीर्ष नेतृत्व जो जिम्मेदारी देता है उसे निभाना पड़ता है

रायपुर से सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि समर्थकों के आधार पर न टिकट मिलती है और ना ही कोई पद मिलता है यह तो आपकी योग्यता, आपके काम, आपके अनुभव के आधार पर शीर्ष नेतृत्व जब जो जिम्मेदारी देता है उसे निभाना पड़ता है। अग्रवाल ने कहा कि मुझे पार्टी ने इतना कुछ दिया है कि मैं 8 बार विधायक बन गया, 5 बार मंत्री बन गया और 9वीं बार सांसद बन गया। बृजमोहन ने कहा कि अभी मेरी राजनीति समाप्त नहीं हुई है। भविष्य बहुत लंबा है इसलिए इसकी चिंता करने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मैं पद प्रतिष्ठा पर ज्यादा विश्वास नहीं करता हूं।

किस पद से इस्तीफा इस पर विचार

बृजमोहन अग्रवाल ने अपने इस्तीफा को लेकर कहा कि इस्तीफा मुझे विधायक पद से देना है, मंत्री तो मैं 6 महीने रह सकता‌ हूं। इसलिए कानून के अनुसार 14 दिन में मुझे विधायक पद से इस्तीफा देना है या सांसद पद से इस्तीफा देना है। मैं जल्द ही इस पर निर्णय करूंगा और मंत्री पद के मामले में कहना चाहूंगा कि मुझे मुख्यमंत्री ने मंत्री बनाया है, वह जिस दिन कहेंगे मैं इस्तीफा दे दूंगा।

जनता की सेवा रहेगी जारी

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मैं पहले भी रायपुर दक्षिण से विधायक था, काम पूरे छत्तीसगढ़ के लिए करता था।‌ पहले मैं सिर्फ एक विधानसभा से था और आज मैं नौ विधानसभा से सांसद हूं। अब मैं पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश के लिए काम करूंगा। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अब मुझे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश की जिम्मेदारी मिली है इसी तरह जनता के लिए सवाल पूछना जारी रहेगा।

अब मीडिया में इस बयान के बाद सत्ता के गलियारे में हड़कंप मच गया है। सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर बृजमोहन अग्रवाल सांसद बने रहेंगे या विधायक।

जानें क्या कहता है नियम

  • बता दें कि कानून के रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट 1951 के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय पर एक ही पद पर रह सकता है।
  • इस एक्‍ट के चलते एक पद की सदस्‍यता से इस्‍तीफा देना पड़ता है। बृजमोहन अग्रवाल भी एक साथ दो पदों की सदस्‍यता नहीं रख सकते हैं।
  • उन्‍हें विधानसभा सदस्‍य या संसद की सदस्‍यता दोनों में से एक पर से इस्‍तीफा देना पड़ेगा।
  • नियम में यह भी है कि जब कोई व्‍यक्ति संसद और विधानसभा दोनों के लिए चुना जाता है, तो उसे 14 दिन के भीतर विधानसभा की सीट खाली करनी होती है, यदि ऐसा नहीं करते हैं तो उसकी संसद की सदस्यता रद्द हो जाती है।

ऐसे में 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का रिजल्‍ट आने के बाद अब बृजमोहन अग्रवाल के पास निर्णय लेने के लिए मात्र 18 जून रात 12 बजे से पहले तक का समय है। इतना ही नहीं 18 जून की रात 12 बजे तक उनका इस्तीफा स्वीकार होना भी जरूरी है।