भोपाल। मध्य प्रदेश में सोम डिस्टलरी पर NCPCR के छापे के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। इस फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। साथ ही इसका लाइसेंस 20 दिन के लिए निलंबित कर दिया गया है। सोम डिस्टलरी में बच्चों से शराब का निर्माण करवाया जा रहा था। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने छापेमारी कर यहां से 59 बच्चों को मुक्त करवाया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसी कैंपस में आबकारी विभाग का ऑफिस संचालित है और विभाग की नाक के नीचे यह काम हो रहा था। मामला सामने आने के बाद संबंधित अफसरों पर सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है।

इस तरह रेस्क्यू किया गया बच्चों को
दरअसल, बाल अधिकार संरक्षण आयोग को रायसेन स्थित सोम डिस्टलरी में बाल मजदूरी को लेकर शिकायत मिली थी। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने यहां पहुंचकर जब जांच की तो शिकायत सही निकली। फैक्ट्री में नाबालिग लड़के और लड़कियां काम कर रहे थे। इनको शराब बनाने के काम में लगाया गया था।

कई बच्चों के हाथों की चमड़ी गली मिली थी
छापेमारी के दौरान कई बच्चों के हाथों की चमड़ी गली मिली। प्रियांक कानूनगो ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने शिकायत की थी कि फैक्ट्री में बच्चों से 15-16 घंटे तक काम कराया जा रहा है।
शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल से इनके हाथ गल गए थे। बच्चों की हालत डराने वाली थी लेकिन फैक्ट्री मालिक को उन पर तरस नहीं था। सोम डिस्टलरी से रेस्क्यू किए बच्चों में 39 लड़के और 19 लड़कियां थीं।

आबकारी अधिकारी ने कहा था- श्रमिकों को खाना-दवाई देने गए थे बच्चे
फैक्ट्री में छापा की कार्रवाई के बीच शनिवार को ही जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया अतुलकर ने रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे को लिखे प्रतिवेदन में बताया था कि जो बच्चे शराब फैक्ट्री में पाए गए, वे अपने माता-पिता को खाना और दवाइयां देने के लिए गए थे। बाल श्रम जैसी कोई बात नहीं है। झूठी रिपोर्ट देने वाले इस आबकारी अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।

फैक्ट्री का लाइसेंस सस्पेंड
सीएम मोहन यादव ने इस मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। उनके निर्देश पर कड़ी कार्रवाई हुई। रायसेन स्थित इस फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। साथ ही सोम डिस्टलरी के लाइसेंस को 20 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद आगे और भी कार्रवाई हो सकती है।
इन अधिकारियों को किया गया निलंबित
सबसे गंभी बात यह थी कि सोम डिस्टिलरीज के इसी परिसर में आबकारी विभाग का कार्यालय भी संचालित है और यहां तैनात अमले के सामने ही बच्चों से मजदूरी कराइ जा रही थी। सीएम के निर्देश के बाद कार्रवाई करते हुए यहां के तीन आबकारी उपनिरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। कन्हैयालाल अतुलकर, प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी, मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, सेहतगंज पर निलंबन की गाज गिरी है। उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार भी निलंबित कर दिए गए हैं।
न्याय दिलाने में पीछे नहीं रहेगा एमपी
वहीं, इस कार्रवाई के बाद सीएम मोहन यादव की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अपराधी को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मध्य प्रदेश कभी पीछे नहीं रहेगा। एमपी वह राज्य है, जिसकी देश में मिसाल दी जाती है। अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड ने नियमों को ताक पर रखकर बालश्रम का घोर अपराध किया है। उन्होंने कहा कि जनसेवा के साथ कभी कोई समझौता नहीं होगा।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने लिखा- सत्यमेव जयते
शराब फैक्ट्री सोम डिस्टलरी पर कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सीएम डॉ. मोहन यादव को धन्यवाद कहा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- सत्यमेव जयते। उन्होंने ये ट्वीट किया –

कांग्रेस ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
कांग्रेस ने सोम डिस्टलरीज पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए इसे महज खानापूर्ति बताया है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा- मासूम बचपने को कत्ल करने की सजा सिर्फ 20 दिन। यह कैसा न्याय है ? अरुण यादव ने फैक्ट्री का लाइसेंस स्थाई रूप से निरस्त करने की मांग की है। अरुण यादव ने ये ट्वीट किया –
