बिलासपुर। जनहित से जुड़े मामलों को खुद ही संज्ञान में लेकर हाई कोर्ट द्वारा अब तक कई मामलों में जनहित याचिका दायर की जा चुकी है। इन्हीं में शामिल पब्लिक ट्रांसपोर्ट और सड़कों की खस्ता हालत को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई।

शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बदहाली और सिटी बसों के संचालन में हो रही देरी को लेकर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है। हाईकोर्ट ने परिवहन सचिव और कमिश्नर से व्यक्तिगत शपथ पत्र पर जवाब मांगा है कि आम लोगों के लिए इस व्यवस्था में सुधार करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ई-बसें कब तक चालू होंगी। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

परिवहन सुविधा का यह है हाल..

मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार, प्रदेश के 9 शहरों में चल रही 378 बसों में से अब केवल 272 बसें ही रह गई हैं, जिसमें से 106 बसें काम नहीं कर रही हैं और इनमें से सिर्फ 70 से 80 बसें ही सड़क पर चल रही हैं।

गाय सड़कों पर चल रही है, और…

शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिटी बसें केवल नगरीय निकाय क्षेत्र में ही चलती हैं। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल ने शासन से पूछा कि प्रदेश में ट्रांसपोर्ट की हालत कब सुधरेगी। उन्होंने कहा कि गाय सड़कों पर चल रही है, प्रदेश में जो बसें अन्य शहरों के लिए चलती हैं उनकी भी हालत खराब है।

कोर्ट ने शासन से कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्य में बसों की संख्या बहुत कम है। जो बसें चल रही हैं उनमें भी लूटपाट और यात्रियों की सुरक्षा की समस्याएं हैं। कोर्ट ने शासन को न केवल सिटी बस सेवा को सुधारने का निर्देश दिया बल्कि यह भी कहा कि दो शहरों के बीच चलने वाली बस सेवा में भी आवश्यक सुधार लाए जाएं ताकि आम आदमी सुरक्षित और सुविधा से यात्रा कर सके।

परिवहन सचिव से मांगा शपथ पत्र

शासन के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि आने वाले कुछ महीनों में 240 पीएम ई-बसें आएंगी और बस सेवा में सुधार की उम्मीद जताई। इस पर कोर्ट ने परिवहन सचिव व आयुक्त को शपथ-पत्र के साथ जवाब देने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी।

सड़कों की खस्ता हालत पर हाईकोर्ट सख्त

इसी तरह प्रदेश में सड़कों की खस्ता हालत को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से शपथ पत्र पर यह जवाब मांगा है कि कहां-कहां सड़कों पर क्या काम हो रहा है और कब तक उसे पूरा किया जा सकेगा। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में सड़कों के मामले में शासन ने बताया कि रायपुर ब्लॉक के धनेली में विधानसभा-एयरपोर्ट रोड का लेवल वर्क ऑर्डर हो चुका है और इस भाग में अब करीब 8 माह में काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही बिलासपुर के सेंदरी चौक के मामले में बताया कि यहां भूमि अधिग्रहण के बाद काम शुरू हो जाएगा और अभी जमीन का अधिग्रहण लगभग पूर्ण हो गया है।

शपथ पत्र दें, कब तक काम पूरे होंगे…

शासन के इन सब जवाबों के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि इस तरह बताने की बजाय शपथ पत्र पर यह जानकारी दी जाए कि शासन प्रदेश में सड़कों पर काम कब तक पूरा करेगा और क्या-क्या काम हो चुके हैं। शासन को जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है और दो हफ्ते बाद ही अगली सुनवाई तय की गई है।

पूर्व में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने इस मामले में सेंदरी बाईपास के पास पिछले आदेश के अनुसार पीडब्ल्यूडी एसडीओ बिलासपुर को भूमि अधिग्रहण के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। इसके अलावा न्याय मित्रों ने न्यायालय के समक्ष मुंगेली से पंडरिया, पंडरिया से कवर्धा और कवर्धा से मुंगेली के बीच रास्तों के खराब होने की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी।