रायपुर। कांग्रेस के शासनकाल में खुद को मंत्री का करीबी बताकर एक ठेकेदार को 500 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर 15 करोड़ रूपये वसूल करने वाले प्रदेश के बहुचर्चित सफेदपोश के के श्रीवास्तव के खिलाफ राजधानी की पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

आचार्य प्रमोद कृषणन ने कराई मुलाकात

इस मामले में तेलीबांधा थाने में शिकायत दर्ज कराने वाले रावत एसोसिएट के मालिक अर्जुन रावत ने बताया है कि उनकी कंपनी द्वारा हाईवे कंट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, रोड कंट्रक्शन, सरकारी बिल्डिंग का निर्माण इत्यादि काम किया जाता है। बात सन 2023 की है और बताया गया है कि अर्जुन रावत के आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृषणन उनको लेकर रायपुर आये थे और के के श्रीवास्तव से उनकी यह कहते हुए मुलाकात कराई थी कि ये आपके कारोबार को बढ़ाने में मदद करेंगे।

करोड़ों के ठेके को सबलेट करने का दिया ऑफर

अर्जुन पवार ने बताया कि परिचय होते की श्रीवास्तव ने उनसे संपर्क बढ़ाना शुरू कर दिया। इसी दौरान जून 2023 में के के श्रीवास्तव उनके रोमान्स क्यु विला अपार्टमेंट लाभांडी रायपुर आफिस में आये और उन्हें (अर्जुन रावत) को बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी बनाने का प्रोजेक्ट एक मंत्री के भाई ‘असगर’ ने लिया है, जो 500 करोड रूपये का है, वेउक्त प्रोजेक्ट को सबलेट करना चाहते है जिसके लिए सरकार को 15 करोड़ की राशि परफांमेंस सिक्युरिटी एवं गारंटी मनी के रूप मे जमा करना पड़ेगा। अर्जुन रावत ने बताया के के श्रीवास्तव ने उन्हें प्रोजेक्ट के फर्जी दस्तावेज भी दिखाये।

विभिन्न खातों में जमा कराये 15 करोड़ रूपये

अर्जुन रावत ने के0के0 श्रीवास्तव की बातो पर भरोसा कर उक्त प्रोजेक्ट मे काम करने को तैयार हो गए। तब के के श्रीवास्तव के द्वारा विभिन्न एकाउंट नंबर देकर 15 करोड ट्रांसफर करने को कहा गया। तब 10 जुलाई 2023 से 17 जुलाई तक 15 करोड़ रूपये विभिन्न खातों में भेजे गए।

रूपये लिए मगर ठेका नहीं दिलवाया

अर्जुनरावत का कहना है कि रूपये देने के बावजूद के के श्रीवास्तव ने रायपुर स्मार्ट सिटी का कोई ठेका नही दिलवाया और 15 करोड़ रूपये की ठगी कर ली। रूपया वापस मांगने पर लौटाने की बजाय उलटे श्रीवास्तव द्वारा अर्जुन रावत और परिवार को जान से मारने की धमकी दी गयी है।

फर्जी दस्तावेज भी दिखाए

अर्जुन रावत ने बताया कि श्रीवास्तव ने छ ग सरकार के साथ हमारे कंपनी ग्लोमैक्स इंडिया के नाम से एक फर्जी मेमोरेण्डम तैयार कर व्हाटसअप के जरिये भेजा। के के श्रीवास्तव एवं कंचन श्रीवास्तव के द्वारा आपराधिक विश्वासघात करके फर्जी दस्तावेज बनाकर साजिश रचकर 15 करोड रूपया लेकर स्मार्ट सिटी का ठेका नही देकर कंपनी के साथ छल कपट कर धोखाधाडी कर रकम गबन किया है।

दो के खिलाफ FIR दर्ज

तेलीबांधा पुलिस ने इस मामले में के के श्रीवास्तव और कंचन श्रीवास्तव के खिलाफ धरा 420, 467, 468, 471, 506 और 120 बी के तहत अपराध दर्ज किया है।

जमीन की दलाली से शुरू किया था काम

बता दें कि पूर्व में के के श्रीवास्तव ने कोरबा जिले की एक पावर और कोल कंपनी के लिए जमीनें खरीदने में दलाल की भूमिका निभाई थी। इस दौरान भी उसने जमकर फर्जीवाड़ा किया तथा फर्जी आदिवासियों को खड़ा कर आदिवासियों की जमीन रजिस्ट्री करवा दी। इसके बाद कांग्रेस के शासनकाल में के के श्रीवास्तव ने ब्लैक स्मिथ कंपनी बनाकर कोरबा जिले में FLY ASH की ट्रांसपोर्टिंग का काम लिया। बताये जाता है कि पूर्व की सरकार से गहरे संबंधों के चलते उसे यह काम मिला और इस काम को भी मनमाने तरीके से किया और इसमें उसे पूरी तरह संरक्षण मिला।

सबसे बड़ा नेता कौन..?

ताजा मामले में सबसे चौंकाने वाला नाम आचार्य प्रमोद, कृष्णम का है, जो पूर्व में कांग्रेस पार्टी में थे और अब भाजपा में आ गए हैं। वहीं दूसरा पूर्व की कांग्रेस सरकार में मंत्री अकबर के भाई असगर का है, जिन्हे नया रायपुर का ठेका मिलने की बात श्रीवास्तव ने कही। वहीं FIR में यह भी उल्लेख है कि श्रीवास्तव ने 10 अगस्त 2023 को उनकी मुलाकात छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नेता से करवाई, और उस नेता ने रावत को भरोसा दिलाया कि श्रीवास्तव ने जो काम दिलाने को कहा है, वह हो जायेगा, वे बिलकुल चिंता न करें।

बहरहाल इस हाई प्रोफाइल मामले में आगे क्या होता है और पुलिस की जांच में और कौन से नाम उजागर होते हैं यह देखना अभी बाकी है।