रायपुर। भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) की छत्तीसगढ़ इकाई ने बस्तर के चार पत्रकारों को कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर की साजिश के तहत सीमा पर आंध्रा पुलिस से गिरफ्तार करवाने के मामले में उपमुख्यामंत्री गृहमंत्री विजय शर्मा से फोन पर चर्चा कर साजिश करने वाले टीआई अजय सोनकर पर कार्रवाई करने की मांग की। वहीं उपमुख्यमंत्री अरुण साव को ज्ञापन सौंपकर चारो पत्रकार साथियों की नि:शर्त रिहाई की मांग की है।

वहीं इस मामले में उपमुख्य मंत्री अरुण साव ने इस मामले में तत्का ल संज्ञान लेते हुए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्यर सचिव मनोज पिंगुआ से फोन पर चर्चा कर इस मामले का जल्दए से जल्दक निराकरण करने का निर्देश दिये हैं।
पत्रकार संघ ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव को विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि चारो पत्रकार बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह , मनीष सिंह, निशु त्रिवेदी अवैध रेत मामले की खबर की पड़ताल करने कोंटा पहुंचे थे। पत्रकारों को खबर मिली थी कि छत्तीासगढ़ के बॉर्डर के निकट स्थिति नदी से लगातार रेत का अवैध उत्खखनन हो रहा है और रेत की तस्ककरी आंध्रप्रदेश भेजकर की जा रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि इसी दौरान कोंटा थाना प्रभारी अजय सोनकर ने साजिश के तहत कार की डिक्की का ताला तोड़ कर अवैध मादक पदार्थ गांजा रखवा दिया। इसके बाद जब पत्रकार थाने से रवाना हुए तो सीमावर्ती थाना चिंतुर जिला अल्लूरी सीताराम राजू के थाना प्रभारी को दे दी। साजिश से बेखबर पत्रकार जैसे ही सीमा पार पहुंचे चिंतुर थाने की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के राष्ट्री य सचिव एवं छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश अध्यजक्ष नितिन चौबे ने घटना के बाद रविवार को देर शाम उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से फोन पर चर्चा की। गृहमंत्री ने इस मामले में बस्तर आईजी पी सुंदरराज से चर्चा कर थाना प्रभारी को हटाने का निर्देश दिया एवं थाने के डिलीट किए गए सीसीटीवी के फूटेज को रिकवर करने का आदेश दिया।
साथ ही बीएसपीएस के राष्ट्रीय सचिव ने मामले की पूरी जानकारी आंध्रप्रदेश इकाई के प्रदेश अध्यरक्ष वीरभद्रराव को दी है। वीरभद्र राव ने इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यशमंत्री और गृहमंत्री से इस संबंध में चर्चा कर पत्रकारों पर दर्ज फर्जी प्रकरण रद्द करने की मांग की है।
इस बारे में उपमुख्यमंत्री अरुण साव का कहना है कि निश्चित रूप से पत्रकार हमारे संविधान में चौथे स्तंभ के रूप में है। उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार होना चाहिए और उन्होंने जो शिकायत की है, उनके साथ जो कृत्य हुआ है उस पर निश्चित रूप से संज्ञान में लेकर कार्रवाई करेंगे।