बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि बिलासपुर में टीकाकरण से दो बच्चों की मौत का दावा गलत है। बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत में मंत्री जायसवाल ने कहा कि जिस दिन इन दो बच्चों को टीका लगाया गया था, उसी दिन उसी वायल से छह और बच्चों को भी टीका लगाया गया था, और उनकी हालत सामान्य है। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए राज्य स्तरीय समिति बनाई गई थी, लेकिन अभी तक उन्होंने रिपोर्ट नहीं देखी है। अधिकारियों ने उन्हें मौखिक बताया है कि टीकाकरण से मौत नहीं हुई है।
‘बच्चों की मौत की वजह दूसरी होगी’
स्वास्थ्य मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के संचालन पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि राज्य का स्वास्थ्य अमला पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि बच्चों की मौत की वजह अन्य बीमारियों या कारणों से हो सकती है।
‘स्वाइन फ्लू के टीके और किट पर्याप्त मात्रा में’
स्वाइन फ्लू से लगातार हो रही मौतों पर मंत्री जायसवाल ने कहा कि इस बीमारी के कोई विशेष लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने सर्दी, बुखार या शरीर में दर्द जैसे लक्षण होने पर तुरंत जांच कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में किट और दवाइयां उपलब्ध हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले कोटा क्षेत्र में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत हो गई थी, इस मामले में स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नजरअंदाज करने का आरोप लगा था। दोनों बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार पर सवाल खड़े किए और अपनी जांच समिति को कोटा भेजा। बाद में राज्य सरकार ने भी इस मामले की जांच के लिए समिति गठित की थी, जिसे ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। सरकार ने अस्थायी तौर पर टीकाकरण का काम रोक भी दिया गया था।