टीआरपी डेस्क। हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच एक नया राजनीतिक मोड़ आया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कुमारी सैलजा बीजेपी में आना चाहती हैं, तो पार्टी उन्हें अपने साथ लेने के लिए तैयार है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुमारी सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाई हुई है।
कांग्रेस में कुमारी सैलजा का अपमान हुआ: मनोहर लाल
मनोहर लाल खट्टर ने एक चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस में कुमारी सैलजा का अपमान हुआ है, और यही वजह है कि वह चुप्पी साधे हुए हैं। खट्टर ने कांग्रेस के भीतर कुमारी सैलजा को गालियां मिलने और पार्टी में उनकी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, “अगर कुमारी सैलजा बीजेपी में आना चाहती हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे।”
राजनीतिक गलियारों में हलचल
मनोहर लाल के इस बयान के बाद हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है। कई राजनीतिक विशेषज्ञ इसे विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के बड़े राजनीतिक दांव के रूप में देख रहे हैं। इस बयान के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकती है।
खरगे का पलटवार: पहले अपना घर संभालो
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मनोहर लाल खट्टर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, बीजेपी को पहले अपना घर संभालना चाहिए, क्योंकि उनके कई नेता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। बीजेपी के नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में दूसरों के घर में झांकने से पहले उन्हें अपनी पार्टी की स्थिति सुधारनी चाहिए।
कुमारी सैलजा की चुप्पी और चुनावी प्रचार से दूरी
हरियाणा में पांच अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं, और आठ अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। इस बीच कांग्रेस की दिग्गज नेता कुमारी सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। वह पार्टी की स्टार प्रचारक होते हुए भी रैलियों में दिखाई नहीं दे रही हैं, जिससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, उनकी आगामी चुनावी गतिविधियों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राजनीति में नए समीकरणों की आहट
मनोहर लाल के इस बयान के बाद हरियाणा की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। कुमारी सैलजा की चुप्पी और कांग्रेस से उनकी दूरी ने अटकलों को और हवा दे दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कुमारी सैलजा अपनी राजनीतिक यात्रा को किस दिशा में आगे बढ़ाती हैं और क्या बीजेपी उनके लिए नए रास्ते खोल सकती है।