00 जिस कंपनी को अनुभव नहीं उसके हाथ में 112 की स्टेयरिंग, पढ़िए पूरी कहानी…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में डायल 112 के संचालन में ड्राइवर सप्लाई करने वाली कंपनी वर्तमान में पूरे प्रोजेक्ट का संचालन अकेले कर रही है। जिसे न तो आईटी सपोर्ट सिस्टम की जानकारी है न ही कॉल सेंटर का कोई अनुभव है।

क्या है मामला

इस पूरे प्रोजेक्ट की बात करें तो डायल 112 एक्के नंबर सब्बो बर का संचालन तीन कंपनियों द्वारा मिलकर किया जाना था। यानी यह काम तीन भागों में बंटा हुआ था जिसकी जिम्मेदारी तीन अलग-अलग कंपनियों के पास थी। मगर वर्तमान में ऐसा न होकर 112 प्रोजेक्ट की स्टेयरिंग ड्राइवर सप्लाई करने वाली कंपनी संभाल रही है।

इस तरह समझे 112 प्रोजेक्ट के तीन भाग

डायल 112 का संचालन टाटा कंपनी के हाथों में था और उसके पास आईटी सपोर्ट व मेंटेनेंस, डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम, कॉल सेंटर, गाडियों की रिपेयरिंग व फ्यूलिंग जैसे कामों की जवाबदारी थी।

टाटा के साथ एक सहयोगी कंपनी थी रोल्टा, जो पूरे प्रोजेक्ट के आईटी सपोर्ट का काम करती थी। प्रोजेक्ट के बीच यह कंपनी बैंक करप्ट हो गई और आईटी सपोर्ट का काम टाटा कंपनी करने लगी। साथ ही रोल्टा के सारे कर्मचारियों को टाटा ने अपने आईटी प्रोग्राम के लिए टेकओवर कर लिया।

अब आती है इस प्रोजेक्ट के तीसरी कंपनी एबीपी की बात, जिसका मुख्य काम था ड्राइवर सप्लाई करना। यानी प्रदेशभर में डायल 112 की गाड़ियों के संचालन के लिए ड्राइवर उपलब्ध कराना इस कंपनी का काम था।

30 सितंबर 2023 को समाप्त हो चुका है टेंडर

इस प्रोजेक्ट का टेंडर 30 सितंबर, 2023 को खत्म हो चुका था। उस दौरान प्रदेश में विधानसभा चुनाव सर पर थे तो इस प्रोजेक्ट को 6 महीने के लिए एक्सटेंशन दिया गया। इन 6 महीनों के लिए एबीपी कंपनी को मेंटेनेंस का काम सौंपा गया और टाटा कंपनी गाड़ियों में फ्यूलिंग करती रही।

अब फरवरी 2024 में टाटा ने फ्यूलिंग का काम बंद कर दिया और यह काम भी एबीपी को मिल गया। इसके बाद अगस्त 2024 तक टाटा काम समेटते हुए कॉल सेंटर भी सुपुर्द कर दिया तो एक सितंबर को इसकी कमान भी एबीपी संभालने लगी। अब टाटा ने आईटी सपोर्ट देना बंद कर दिया तो आनन-फानन में यह काम भी एबीपी को ही दे दिया गया। यानी अब एक ड्राइवर सप्लाई करने वाली कंपनी के हाथ लगभग पूरे प्रदेश के डायल 112 के संचालन की जिम्मेदारी है, जिसके पास इन सब का कोई अनुभव नहीं हैं।

प्रदेश में दौड़ती है 400 गाड़ियां, हर माह करोड़ों का भुगतान

डायल 112 की 400 गाड़ियां प्रदेशभर में दौड़ रही हैं और हर माह चार करोड़ रुपयों का भुगतान कंपनी को किया जा रहा है। डायल 112 ‘एक्के नंबर सब्बो बर’ का संचालन करने छत्तीसगढ़ सरकार आउटसोसिंग करती है और देश के प्रतिष्ठित कंपनियों को इसकी कमान सौंपती है। वर्तमान में एबीपी के हाथ में पूरा प्रोजेक्ट है, जिसके खिलाफ 2021 में गृह मंत्री को शिकायत की गई है। इस कंपनी ने महतारी एक्सप्रेस 102 एम्बुलेंस के संचालन का टेंडर पाने पुलिस विभाग का जाली प्रमाण पत्र पेश किया था। वहीं, पूरे प्रोजेक्ट को संभाल रही एबीपी कंपनी अब अनुभव लेकर खुद टेंडर डालने की तैयारी कर रही है।

बड़ा सवाल – 30 सितंबर यानी टेंडर का आखिरी दिन, इसके बाद डायल 112 का संचालन कैसे और करेगा।