टीआरपी डेस्क। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हाल ही में जम्मू के कठुआ में आयोजित एक रैली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। इस दौरान खरगे की तबीयत मंच पर बिगड़ गई और वे गिर गए। हालांकि, कुछ ही समय बाद वे फिर से उठकर खड़े हुए और अपने भाषण को जारी रखा, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। इस घटना के बाद अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे के बयान पर जोरदार पलटवार किया है।
ये घटिया और शर्मनाक बात है
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे के पीएम मोदी पर की गई टिप्पणी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी ने अपने भाषण में बेहद घटिया और शर्मनाक बात कही। उन्होंने अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में भी प्रधानमंत्री मोदी को घसीटा और यह स्पष्ट किया कि कांग्रेस में पीएम मोदी के प्रति कितनी गहरी नफरत और असहिष्णुता है। शाह ने कहा कि कांग्रेस का यह रवैया दर्शाता है कि पार्टी नेता हर समय पीएम मोदी को सत्ता से बाहर करने के सपने देख रहे हैं।
खरगे जी आप अपनी आँखों से विकसित भारत देखेंगे
अमित शाह ने खरगे की दीर्घायु की कामना करते हुए कहा, “मैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्रार्थना करते हैं कि खरगे जी स्वस्थ रहें और लंबे समय तक जीवित रहें। हम चाहते हैं कि वे 2047 में भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में अपनी आंखों से देखें।” शाह ने यह बयान देते हुए कांग्रेस के रवैये को भी निशाने पर लिया और कहा कि इस प्रकार की व्यक्तिगत टिप्पणियां राजनीति का स्तर गिरा रही हैं।
जम्मू-कश्मीर चुनाव में भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने
जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज होती जा रही है। कठुआ में अपने भाषण के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को बहाल करने की मांग को दोहराते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, मैं 83 साल का हूं, लेकिन इतनी जल्दी नहीं मरने वाला हूं। जब तक पीएम मोदी सत्ता से बाहर नहीं हो जाते, मैं जिंदा रहूंगा और जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ता रहूंगा।
खरगे की इस तीखी टिप्पणी ने राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। चुनावी माहौल में यह बयानबाजी राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती खींचतान का संकेत है। भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की हताशा और नकारात्मक राजनीति का प्रतीक बताया है, जबकि कांग्रेस ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा है कि वे लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।