साय सरकार में गुणवत्ता पर जीरो टॉलरेंस प्रभावी
रायपुर। निविदाओं की शर्ताें के विपरीत मशीनों के मेंटेनेंस में लापरवाही करने वाले 52 यूनिट के सुरक्षा निधि से साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा की राशि काटी गई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की गुणवत्ता के मामले में जीरो टॉलरेंस की मंशा के अनुरूप यह कार्यवाही की गई है।
दरअसल, क्रेडा में सोलर की बहुत सी परियोजनाओं में बड़ी संख्या में सिस्टम इंटीग्रेटर कार्य कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों से लगातार इकाईयों से विभिन्न निविदाओं के शर्तों के अनुसार अकार्यशील या खराब संयंत्रों में सुधार नहीं किये जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। इस पर संज्ञान लेते हुए क्रेडा के सीईओ राजेश सिंह राणा ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया। उन्होंने ऐसी 52 इकाईयों द्वारा सोलर हाई मास्ट, सोलर पेयजल पंपों, सौर सुजला योजना अंतर्गत स्थापित सोलर कृषि पंपों और सोलर पावर प्लांट, सौर संयंत्रों में सुधार संबंधी कार्यों में लापरवाही बरतने पर 3.50 करोड़ की उनके सुरक्षा निधि से कटौती कर संयंत्रों में सुधार करने की कार्यवाही शुरू की।
इन एजेंसियों की काटी गई राशि
शिकायत और जांच के आधार पर गुप्ता एग्रो, नोवस ग्रीन, एसजी इंटरप्राइजेज, सोलर एक्वा, रिच फाइटोकेयर, काहो एंड अवनि, भार्गव सोलर, आरबीपी, अरवेज, शक्ति पंप, ग्रीन फिनिटी, जी.के. ऊर्जा, आधुनिक सौर, प्रीमियर पंप, पीवी पावर टेक., प्रीमियर पंप, एम.बी. एंटरप्राइजेज, श्रीशंकर मशीनरी, अदिति सोलर, एवी एप्लीकेशन, क्लारो एनर्जी, फर्सट सोलर, इकोजेन सोलर, एक्सेस सोलर, लैंबेंसी सोलर, स्विच सोल, प्रतीक इंफ्राटेक, साई बाबू, रेडसन, संकल्प पावर, रावमेट, कॉस्मो प्रोडक्ट्स, पिकागी, सोलेक्स एनर्जी रोटोमैग, एक्सेल सोलर, कुवर एंड कंपनी, स्पैन पंप, श्रीवा पंप, सूर्या, लक्ष्मी एजेंसी, ग्रीन सोल, तनय विद्युत, नव्या टेक, टॉपसन एनर्जी, अक्षय सोलर, वीआरजी, गणेश इलेक्ट्रिकल एंड प्रोग्रेसिव, ग्रीन वर्ल्ड, मीरा सीको, कोरोमियम एसोसिएट्स एवं ओनेनियम के सुरक्षा निधि से राशि काटी गई हैं।
बता दें कि, क्रेडा में राजेश सिंह राणा के सीईओ का कार्यभार संभालते ही क्रेडा द्वारा स्थापित संयंत्रों के व्यापक रखरखाव और उनकी कार्यशीलता सुनिश्चित करने की दिशा में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बहुत से ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। जिससे क्रेडा द्वारा स्थापित संयंत्रों की कार्यशीलता में लगातार सुधार हो रहा है, जिससे प्रदेश में ऊर्जा के गैर परंपरागत स्त्रोंतों की विश्वसनीयता बढ़ रही है।