रायपुर। जनवरी 2024 में सीईओ क्रेडा का कार्यभार ग्रहण करते ही आईएएस राजेश सिंह राणा, क्रेडा द्वारा स्थापित सभी संयंत्रों के गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। क्रेडा सीईओ द्वारा इसके लिए सतत् रूप से फील्ड में भी अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराते हुए स्वयं ही ताबड़तोड़ दौरे किये जाते रहे हैं, जिससे क्रेडा के द्वारा स्थापित होने वाले संयंत्रों में व्यापक सुधार आया है। उनके इन प्रयासों से क्रेडा में पूर्व में चल रहे कुछ ऐसे काम भी सामने आये जिनमें नियम विरुद्ध कार्य हुए थे, जिसमें क्रेडा सीईओ ने स्वयं ही सीधे दखल करते हुए ऐसे प्रकरणों पर सुधार कार्य निविदा के नियमानुसार कराये।

ऐसा ही एक मामला जिला दुर्ग का है जहा क्रेडा में पंजीकृत इकाई मेसर्स नाविया टेक्नालाजिस रिन्यूवेबल प्रा. लि. रायपुर द्वारा सोलर पावर प्लांट की स्थापना संबंधी कार्यों में संबंधित स्थलों पर स्थापित संयंत्रों में 66 सेल वाले सोलर माड्यूल का उपयोग किया गया था, जबकि इन संयंत्रों की स्थापना से संबंधित निविदा क्र. 3844, दिनांक 07-07-20 के मापदण्डानुसार संयंत्रों में 72 सेल वाले सोलर माड्यूल स्थापित किया जाना था। इस प्रकरण की शिकायत क्रेडा सीईओ के समक्ष आने पर उनके द्वारा जांच के लिए 16 दिसंबर 2024 को प्रधान कार्यालय के गुणवत्ता नियंत्रण सेल से स्थलों के निरीक्षण कराये गये, जिसमें पाया गया कि इकाई मेसर्स नाविया टेक्नालाजिस रिन्यूवेबल प्रा.लि. रायपुर द्वारा संयंत्रों में 72 सेल वाले माड्यूल के स्थान पर 66 सेल वाले माड्यूल लगाये जाने की पुष्टी हुई।

क्रेडा सीईओ द्वारा इस पर संबंधित इकाई मेसर्स नाविया टेक्नालाजिस रिन्यूवेबल प्रा. लि. रायपुर पर कड़ी कार्यवाही करते हुए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया और इस प्रकरण से संबंधित सभी अधिकारियों जिसमें जोनल कार्यालय प्रमुख भानुप्रताप, प्रभारी कार्यपालन अभियंता एवं तत्कालीन जिला प्रभारी तुलसी राम ध्रुव को भी नोटिस जारी किया गया। इसका प्रभाव यह हुआ कि इकाई मेसर्स नाविया टेक्नालाजिस रिन्यूवेबल प्रा.लि. रायपुर द्वारा संयंत्र स्थापना के लगभग 3 वर्ष के बाद उक्त संयंत्रों में निविदा के मापदंडों के उलट लगाये गये संयंत्रों में निविदा के मापदंडों के अनुसार उपकरणों की स्थापना कर सुधार कार्य किया गया।

क्रेडा सीईओ द्वारा क्रेडा के संयंत्रों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किये जा रहे व्यापक प्रयासों से एक तरफ तो क्रेडा के संयंत्रों की गुणवत्ता सुधर रही है, जिससे क्रेडा के उपभोक्ता बेहद संतुष्ट हैं तो दूसरी ओर लापरवाही भरे कार्यों को अंजाम देने वाली इकाईयों और क्रेडा में ही कार्यरत् उनके सहयोगी अधिकारियों में भारी भय और असंतुष्टता व्याप्त है, जिसके कारण उनके द्वारा आये दिन CREDA CEO के द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्यों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। जिला दुर्ग में निविदा के विरुद्ध कार्य करने कराने वाले एक अधिकारी भानुप्रताप की कहानी भी ठीक इसी तरह है।

जब क्रेडा सीईओ को जिला दुर्ग अंतर्गत निविदा के उलट कार्य करने की शिकायत प्राप्त हुई तब इसी दौरान भानुप्रताप के अन्य कारनामें भी सामने आने लगे। गुणवत्ता के प्रति जीरो टालरेंस से संबंधित प्रक्रियाम्तक कार्यवाहियों के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई कि जिला राजनांदगांव में भानुप्रताप द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत सोलर पेयजल संयंत्रों की स्थापना के लिए दूसरे चरण में क्रेडा को प्राप्त लक्ष्यों में गलत दरों पर अनुबंध कराये गये, मामला यहीं नहीं रुका इन अनुबंधों के फलस्वरूप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से क्रेडा को जल जीवन मिशन योजना के दूसरे चरण में सोलर पेयजल संयंत्रों की स्थापना के लिए जितनी राशि की आवश्यकता थी उससे काफी कम राशि की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई।

भानुप्रताप द्वारा क्रेडा के प्रधान कार्यालय रायपुर को गुमराह करते हुए इन्हीं कम प्रशासकीय स्वीकृतियों के अनुसार ही नवीन दरों पर संबंधित इकाईयों को कार्यादेश जारी करा दिये गये एवं इसके उपरान्त भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से इन कार्यों के लिए प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृतियों में संशोधन नहीं कराया गया और लगभग दो वर्षों तक इसकी जानकारी से उच्च कार्यालय को अवगत भी नही कराया गया, जिससे योजना अंतर्गत कार्यों के संपादन में लगभग 32 करोड़ की राशि क्रेडा को कम प्राप्त हुई। फलस्वरूप योजना में कार्य कर चुकी इकाईयों के लगभग 32 करोड भुगतान राशि के अभाव में अब तक नहीं हो पाया है।

इस प्रकरण पर भानुप्रताप को प्रधान कार्यालय को संज्ञान में लिए बिना लापरवाहीपूर्वक अनुबंध निष्पादित करने पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए प्रकरण में प्रशासकीय स्वीकृति की दरों को नवीन निविदा की दरों के अनुसार संशोधन करवाया जाकर 3 दिवस में इस कार्यालय को अवगत कराए जाने के लिए 17 दिसंबर 2024 और 16 जनवरी 2025 को निर्देशित किया गया था। इन स्पष्टीकरण पत्रों में भानुप्रताप को सचेत किया गया था कि नई दरों पर प्रशासकीय स्वीकृति नहीं उपलब्ध कराए जाने की दशा में 32 करोड़ रूपए की वित्तीय अनियमितता के संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए भानुप्रताप के निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।

लेकिन भानुप्रताप द्वारा अपनी राजनीतिक पहुंच का रौब दिखाते हुए किसी प्रकार की अनुकूल कार्यवाही प्रकरण पर नहीं की गई। भानुप्रताप के कार्यकाल में हुए अनियमितताओं और लापरवाही भरे कार्यों की एक लंबी लिस्ट है चाहे वह इस समाचार में उल्लेखित निविदा के उलट कार्यों को कराने के संबंध में हो या अपने लापरवाही भरे कार्यों से क्रेडा को करोड़ों रूपये की हानि पहुंचाने का हो।

इसी प्रकार भानुप्रताप के जोनल कार्यालय दुर्ग के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में अपने अधीनस्थ जिला कार्यालय के प्रभारियों को अग्रिम और कार्य स्वीकृत कर राशि प्रदाय कर क्रेडा के स्थापित संयंत्रों के संचालन-संधारण का कार्य कराया गया था, किन्तु इनका समायोजन इस वित्तीय वर्ष में कराया जाना भानुप्रताप द्वारा उचित नहीं समझा गया, जिससे उन अधिकारियों में से प्रत्येक पर लगभग 2-3 लाख रुपये का अग्रिम बकाया है।

भानुप्रताप द्वारा इन सभी गलत ढंग से किये गये कार्यों पर संभावित कार्यवाहियों से बचने के लिए और नियम विरुद्ध कार्यों को दबाने के उ‌द्देश्य से क्रेडा सीईओ राजेश सिंह राणा और गुणवता सेल के अधिकारियों समेत क्रेडा के अन्य अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अपनी झूठी शिकायत अनुसूचित जाति आयोग में कर दी गई है।

इसके अलावा भानुप्रताप द्वारा हाईकोर्ट में पदोन्नति के संबंध में भी याचिका दायर की गई है। ज्ञात हो कि पदोन्नति से संबंधित कई याचिका न्यायालय में लंबित होने के कारण एवं पूर्व की हुई पदोन्नतियों में कुछ विशेष व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के उददेश्य से नियमों में एवं पदोन्नति दस्तावेजों में छेड़-छाड़कर कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर शासन के नियमों के उलट समस्त वरिष्ठ अधिकारी-कर्मचारियों को दरकिनार करते हुए पदोन्नति का प्रयास किया जा रहा था। इस पर क्रेडा में कार्यरत् अन्य अधिकारियों द्वारा शिकायत करने पर क्रेडा ‌द्वारा दस्तावेजों का परीक्षण किया गया और पूरी प्रक्रिया को कूट रचित एवं गलत पाते हुए प्रक्रिया को विचाराधीन कर दिया गया।

लेकिन भानुप्रताप द्वारा अपने सहयोगियों के द्वारा कूट रचित एवं त्रुटिपूर्ण पदोन्नति प्रक्रिया को पूर्ण कर पदोन्नति सूची जारी किये जाने का दबाव बनये जाते हुए झूठी शिकायतें क्रेडा सीईओ राजेश सिंह राणा के खिलाफ लगातार किया जा रहा है। क्रेडा और सीईओ राजेश सिंह राणा के संबंध में जो झूठी और भ्रामक खबरें चलायी जा रही है, उनके विरुद्ध लीगल नोटिस जारी किये जाने की तैयारी क्रेडा प्रबंधन द्वारा की जा रही है।