0 कांग्रेस की शिकायत के बाद इस महिला विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष को क्या भेजा जवाब?

सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस से जीती और भाजपा में जाने वाली महिला विधायक निर्मला सप्रे सुर्खियों में बनी हुई हैं। ताजा मामले में उनकी विधायकी और पार्टी सदस्यता को लेकर संशय बन गया है। दरअसल, उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के जवाब में कहा है कि मैंने दलबदल नहीं किया है। जबकि वे 6 महीनों से लगातार भाजपा संगठन का काम कर रही हैं और सीएम के साथ मंच साझा करती रहीं हैं। उनके जवाब के बाद संभवत: दीपावली के पहले विधानसभा अध्यक्ष उनकी विधायकी का निर्णय कर सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष को दिया तकनीकी जवाब
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही निर्मला सप्रे ने भरे मंच से CM डॉ. मोहन यादव के समक्ष भाजपा में प्रवेश की घोषणा की थी। उनकी भाजपा संगठन और सत्ता के साथ सक्रियता के बाद कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी, जिसके बाद उनको दलबदल कानून के तहत सदस्यता निरस्त करने के लिए विस द्वारा नोटिस दिया गया है। जानकारी अनुसार बीते 10 अक्टूबर को उन्होंने अपना जवाब सबमिट कर दिया है। सूत्रों के अनुसार विधायक सप्रे द्वारा दिए गए जवाब में उन्होंने कहा है कि मैंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है और न ही दलबदल किया है। इसमें उल्लेख है कि ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे साबित हो सके कि उन्होंने दलबदल किया है?

सीएम के साथ मंचों पर मौजूदगी
बीना की विधायक निर्मला सप्रे की पार्टी और उनकी विधायकी को लेकर वे एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। दरअसल कांग्रेस में कमलनाथ कैंप से उन्हें विधानसभा का टिकट दिया गया था। वे भाजपा के तत्कालीन विधायक को हराकर कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा पहुंची थीं। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले वे राहतगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सभा में भाजपा के मंच पर पहुंच गईं थीं। उसके बाद से वे लगातार सागर जिले में सीएम की सभाओं में शामिल हुईं, मंच सांझा किया। बीते महीनों में बीना में सीएम डॉ. यादव की आमसभा में वे उनके साथ थीं।

बीजेपी में अपनी आईडी से सदस्य भी बनाये
बता दें कि भाजपा में सदस्यता अभियान में उनकी आईडी से सदस्य भी बनाए गए। वे प्रत्यक्ष रूप से लोगों को भाजपा का पट्टा पहनाकर भाजपा में शामिल करातीं रही हैं। बावजूद इसके उनका विधानसभा अध्यक्ष को भेजा गया जवाब कि उन्होंने दलबदल नहीं किया है, लोगों को यह हजम नहीं हो रहा है। भाजपा के शिविरों में वे मौजूद रहती हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष सहित संगठन पदाधिकारियों तो ठीक प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा संग फोटो उन्होंने शेयर की हैं।
सदस्यता लिए बिना बीजेपी की इंटरनल मीटिंग में पहुंचीं
कांग्रेस से इस्तीफा दिए बगैर बीजेपी के मंचों पर दिखाई देने वाली बीना से विधायक निर्मला सप्रे आज शनिवार को बीजेपी संगठन की बैठक में भी पहुंच गईं। हालांकि उन्होंने खुद मीडिया को बताया कि, ”उन्होने पार्टी की सदस्यता नहीं ली, लेकिन ये भी कहा कि वे जल्द अपनी सदस्यता के इस मामले पर से पर्दा उठाएंगी। कांग्रेस सवाल कर रही है कि जब कांग्रेस से इस्तीफा दिया नहीं बीजेपी की सदस्यता ली नहीं तो किस हैसियत से बीजेपी की गोपनीय बैठक में पहुंच गई निर्मला सप्रे। हालांकि निर्मला कुछ देर में बैठक से बाहर भी आ गईं। फिर दोबारा बैठक में कोने में बैठी दिखाई दीं। उनके गले में पार्टी का भगवा पट्टा भी नहीं था, लेकिन उनकी मौजूदगी चर्चा का विषय बन गई।

मैं सदन की सदस्य हूं – सप्रे
निर्मला सप्रे से बैठक में उनकी मौजूदगी को लेकर जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि, ”मैं आपको ये बताना चाहती हूं कि मैं सदन की सदस्य हूं। जब नेता प्रतिपक्ष मुझसे सवाल करेंगे तो मैं उनको जवाब दूंगी।” निर्मला सप्रे ने कहा कि, ”मैंने बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है, उन्होंने अपने हलफनामे की खबर को भी गलत बताया और कहा कि वे जल्द इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगी।” उन्होंने कहा कि मैं जनता की विधायक हूं और मेरे लिए जनता प्रमुख है।
विधायकी बचाने इधर से उधर हो रही हैं सप्रे
उधर कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए सवाल किया है कि, ”अगर सप्रे बीजेपी की सदस्यता ले चुकी हैं कि जो कि वायरल हुई तस्वीरों में दिखा भी है, तो उन्हें कांग्रेस की विधायकी से इस्तीफा देना चाहिए और अगर नहीं तो फिर वे किस हैसियत से बीजेपी की बैठक में थीं।” कांग्रेस नेता संगीता शर्मा का कहना है कि, ”असल में निर्मला सप्रे केवल अपनी विधायकी बचाने में लगी हैं ये सारे दांव पेंच उसी के लिए हैं.”

निर्मला सप्रे को सता रहा है इमरती देवी वाला डर
निर्मला सप्रे ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट से जीत हासिल की थी, और ऐसा ज़रूरी नही की वह कांग्रेस को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर लड़े और यहां भी जीत हासिल कर लें। निर्मला सप्रे को इमरती देवी की कहानी ज़रूर याद होगी।
इमरती देवी को भी SC होने के कारण डबरा से कांग्रेस से जीत मिली थी, मगर फिर उन्हें दलबदल के बाद हार मिली। यहां तक की हाल ही में हुए चुनाव में भी इमरती देवी को हार का मुंह देखना पड़ा था। दिलचस्प बात यह है कि दोनों के बयान भी लगभग एक जैसे थे। दोनों ने यह आधिकारिक तौर पर कहा था कि वो विधायक निधि मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं। जैसे ही विधायक निधि पाएंगी इस्तीफा दे दिया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष करेंगे निर्णय
दलबदल कानून के जानकार और राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार बीना विधायक की विधानसभा सदस्यता और इस्तीफे पर निर्णय स्पीकर का सर्वाधिकार है। संभवत: आगामी दिनों में वे इस पर निर्णय कर सकते हैं। यदि विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर दलबदल कानून को लेकर विधायक सप्रे और कांग्रेस पार्टी के तर्कों को सुनकर फैसला करेंगे। कांग्रेस इस मामले में सबूत भी प्रस्तुत करेगी। इसकी तैयारी सागर जिला ग्रामीण कांग्रेस सहित प्रदेश स्तर पर की जा रही है। मामले में यदि निर्मला सप्रे की विधायकी बरकरार रखने का निर्णय दिया जा सकता है तो कांग्रेस मामले को लेकर कोर्ट जा सकती है। कांग्रेस लगातार निर्मला की विधानसभा सदस्यता निरस्त करने की मांग कर रही है।