बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर नाराजगी जताई है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इसे बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य के लिए खतरनाक माना। इस मामले में कोर्ट ने मुख्य सचिव और बिलासपुर नगर निगम से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब मांगा है।

बच्चों में बढ़ सकती है नशे की लत
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि देश में कोटपा कानून मौजूद है। उसका सख्ती से पालन होना चाहिए। बेंच ने चिंता जताई कि स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री से बच्चों में नशे की लत बढ़ सकती है, जिससे उनका भविष्य बर्बाद हो सकता है।
प्रशासन ने की ताबड़-तोड़ कार्रवाई
बता दें कि जैसे ही यह मामला हाई कोर्ट के संज्ञान में आया और मुख्या न्यायाधीश ने नाराजगी जताई बिलासपुर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में स्कूलों के पास संचालित पान दुकानों पर कार्रवाई की।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को जानकारी दी कि बिलासपुर जिला प्रशासन ने हाल ही में कोटपा अधिनियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया है और भविष्य में सख्ती बरती जाएगी।
इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव और बिलासपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन से जवाब तलब किया है। इस पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
पूरे प्रदेश का यही हाल
दरअसल पूर्व में कोटपा कानून को लेकर राज्य स्तर पर बनाई गई टीम ने सक्रियता दिखाई थी, जिसके बाद पूरे प्रदेश में जिला स्तरीय टीमों द्वारा कार्रवाई भी गई, मगर कालांतर में सब कुछ पहले की तरह हो गया। शिक्षण संस्थानों और अन्य प्रतिबंधित स्थानों के आसपास भी बड़े पैमाने पर तम्बाकू के उत्पाद बेचे जाते हैं। पिछले दिनों मीडिया में बिलासपुर शहर और आसपास के इलाके में धड़ल्ले से तम्बाकू उत्पाद बेचे जाने की ख़बरें आयी। जिसे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने गंभीरता से लिया। उनके जनहित याचिका दायर करने की जानकारी सामने आयी बिलासपुर प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि ऐसे ही हालात पूरे प्रदेश में है, जिसे देखते हुए समग्र कार्रवाई करने की जरुरत है। माना जा रहा है कि इस मामले में मुख्य सचिव को नोटिस मिलने के बाद पूरे प्रदेश में तम्बाकू निरोधी अभियान चलाया जायेगा।