कोरबा। कटघोरा वन मंडल के जंगलों में हुई तेंदुए की मौत को लेकर वन अमला परेशान था। तेंदुए के पोस्टमार्टम और गहन जांच के बाद पता चला कि अपने बछड़े की मौत का बदला लेने के लिए बाप-बेटे ने तेंदुए को जहर देकर मार डाला। इस अपराध में शामिल तीन लोगों को वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है। मृत तेंदुए की खाल, नाखून, और दांत निकालने की भी पुष्टि हुई है।
गायब थे तेंदुए के अंग
कटघोरा वन मंडल के चैतमा रेंज के ग्राम राहा के जंगल में गुरुवार को ग्रामीणों ने 7 साल के नर तेंदुए का शव देखा। शव से छह नाखून, दो दांत और पीठ की 40.50 सेंटीमीटर चमड़ी गायब थी। घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने मौके पर जांच शुरू की। कुछ दूरी पर तेंदुए की कटी हुई पूंछ भी मिली। तेंदुए का पोस्टमॉर्टम कराया गया, जिसमें यह पुष्टि हुई कि उसे जहर देकर मारा गया है। इसके बाद वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत तेंदुए का अंतिम संस्कार किया गया।
डॉग स्क्वॉड ने पहुंचाया आरोपियों तक
तेंदुए के हत्यारों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने एक्सपर्ट टीम और डॉग स्क्वॉड की मदद ली। घटना स्थल के आसपास सर्च अभियान चलाया गया, जिसमें टीम को एक बछड़े का शव मिला। बछड़े का आधा शरीर किसी जंगली जानवर द्वारा खाया गया था। शव में जहर के अंश पाए गए, जिससे मामले का रहस्य गहराता चला गया। डॉग स्क्वॉड की मदद से घटनास्थल से लगभग 1 किलोमीटर दूर आरोपियों के घर तक टीम पहुंची।
बछड़े के मालिक ने रचा षड्यंत्र
वन विभाग की पूछताछ में भवरदा गांव के गोविंद सिंह गोंड़, 52 वर्ष ने कबूल किया कि मृत बछड़ा उसी का था, जिसे तेंदुए ने मार दिया था। गोविंद ने बताया कि बछड़े के शिकार से मैं बहुत आक्रोशित था। बदला लेने के लिए मैंने अपने बेटे लालसिंह 23 वर्ष के साथ मिलकर बछड़े के शव में जहर मिला दिया। जहरीला बछड़ा खाने के बाद तेंदुए की कुछ ही देर में मौत हो गई। तेंदुए की मौत के बाद गोविंद, उसके बेटे लालसिंह और उनके रिश्तेदार रामप्रसाद 44 वर्ष ने तेंदुए के नाखून, दांत और चमड़ी निकाल ली। वन विभाग की टीम ने रामप्रसाद के घर पर छापा मारा और तेंदुए के अंग बरामद किए। इन अंगों की तस्करी की आशंका जताई जा रही है।