Tirumala Tirupati: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ट्रस्ट बोर्ड की पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा प्रस्ताव यह था कि तिरुपति देवस्थानम में कार्यरत गैर-हिंदू कर्मचारियों से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (Voluntary Retirement) लेने या आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों में तबादले का ऑप्शन दिया जाएगा। साथ ही प्रसादी लड्डू विवाद के बाद बोर्ड ने बेहतर क्वालिटी का घी इस्तेमाल करने के लिए जरूरी निर्देश दिए हैं।

टीटीडी की बैठक के अहम फैसले…

1) गैर-हिंदू कर्मचारियों पर निर्णय: ट्रस्ट बोर्ड ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर तिरुमाला में गैर-हिंदू कर्मचारियों के मुद्दे पर उचित कदम उठाने का अनुरोध किया। यह कदम करीब 7000 स्थायी कर्मचारियों में से 300 को प्रभावित कर सकता है।

2) राजनीतिक बयानों पर प्रतिबंध: तिरुमाला में राजनीतिक बयान देने और उनके प्रचार-प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया। इसका उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

3) दर्शन के समय में कटौती: श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए प्रतीक्षा अवधि (वेटिंग पीरियड) को 30 घंटे से घटाकर 2-3 घंटे करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और अन्य उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया।

4) तिरुपति निवासियों के लिए खास दर्शन: तिरुपति के निवासियों को हर महीने के पहले मंगलवार को स्पेशल दर्शन का मौका दिया जाएगा।

5) लड्डू की गुणवत्ता में सुधार: श्रीवारी लड्डू की गुणवत्ता में सुधार के लिए बढ़िया क्वालिटी वाला घी इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। पिछले दिनों प्रसादी लड्डू की गुणवत्ता सवालों के घेरे में थी।

6) टीटीडी बोर्ड फंड सिक्योरिटी: टीटीडी बोर्ड की अगली बैठक में ट्रस्ट के फंड को निजी बैंकों से हटाकर राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरित करने पर फैसला हो सकता है।

विशाखा शारदा पीठम मठ का पट्टा रद्द

एक एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर मठ के पट्टे को कैंसिल करने का फैसला लिया गया, क्योंकि उसने टीटीडी के नियमों का उल्लंघन किया था। यह निर्णय तिरुमाला के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखने और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से लिए गए हैं। दर्शन की व्यवस्था को बेहतर बनाना और परंपराओं का सम्मान सुनिश्चित करना ट्रस्ट के प्राथमिक उद्देश्य हैं।