मैंगो जूस
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में जीआरपी के कुछ जवान और उच्च अधिकारी द्वारा संगठित रूप से गांजा तस्करी का नेटवर्क चलाने का मामला सामने आया है। साथ ही मामले में एक आईपीएस अधिकारी के शामिल होने की बात आ रही है।

केस की जांच करने डीजीपी अशोक जुनेजा ने बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह को जिम्मा सौंपा है। शुरूआती जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए, जिनमें करोड़ों के लेनदेन और कई राज्यों तक फैले गांजे के नेटवर्क की बात सामने आई है।

तीन महीने ट्रेन में सफर कर मिला क्लू
खुफिया पुलिस को जीआरपी के कुछ जवानों की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। इस सूचना के आधार पर इंटेलिजेंस चीफ अमित कुमार ने सात अधिकारियों की एक टीम बनाई, जिसने तीन महीने तक हावड़ा, मुंबई और वाल्टेयर लाइन पर निगरानी की। इस दौरान गुप्तचरों ने करीब 250 ट्रेनों में सफर कर महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठी की। इन इनपुट्स के आधार पर चार जवानों को गिरफ्तार किया गया।

जांच के दौरान जीआरपी के जवानों के 45 बेनामी खातों का खुलासा हुआ, जिनमें उनके रिश्तेदारों के नाम पर 15 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन पाया गया। यह राशि संभवतः गांजा तस्करी से प्राप्त की गई थी।

जांच में यह भी सामने आया कि जीआरपी के जवानों ने ट्रेनों में जब्त किए गए गांजे को खुद बेचना शुरू कर दिया था। 2018 के बाद उन्होंने उड़ीसा से गांजा खरीदने और बेचने का एक बड़ा नेटवर्क स्थापित किया, जो झारखंड, महाराष्ट्र और कोलकाता तक फैल गया था। वर्दी का गलत इस्तेमाल करते हुए उन्होंने इस अवैध धंधे को निडर होकर चलाया।

गिरफ्तार किए गए बिलासपुर के सिपाही लक्ष्मण गाईन की संपत्ति ने पुलिस अधिकारियों को चौंका दिया। 40 हजार रुपये मासिक वेतन पाने वाला यह सिपाही कंचन विहार में करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक था। उसके पास हार्ले डेविडसन बाइक, हुंडई वरना, मारुति स्विफ्ट और टाटा हैरियर जैसी महंगी गाड़ियां भी थीं। लक्ष्मण 2018 में ड्रग तस्करी के मामले में गिरफ्तार हो चुका था और डेढ़ साल जेल में रहा था, लेकिन बाहर आकर उसने फिर से इस धंधे को शुरू कर दिया।

जांच में यह भी पता चला है कि तस्करी से अर्जित धन का एक बड़ा हिस्सा उच्च अधिकारियों तक पहुंचता था। यहां तक कि एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। एसपी रजनेश सिंह ने मीडिया को बताया कि इस मामले में गंभीर सबूत मिले हैं। कोलकाता से गिरफ्तार एक आईग पैडलर ने खुलासा किया कि वह जीआरपी के सरकारी आवास में ठहरा था। विस्तृत जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी।