टीआरपी डेस्क। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में आज, 20 नवंबर को, मतदान के बीच एक नया और सनसनीखेज विवाद सामने आया है। यह विवाद बिटकॉइन घोटाले और ‘कैश फॉर वोट’ के आरोपों से जुड़ा हुआ है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में कुछ प्रमुख राजनीतिक हस्तियां, विशेषकर सुप्रिया सुले और नाना पटोले, इस घोटाले में शामिल हैं। वहीं, इन आरोपों का खंडन करते हुए, दोनों नेताओं ने अपनी बेगुनाही का दावा किया है।

बिटकॉइन घोटाला और चुनावी आरोप

समझिए पूरी कहानी: महाराष्ट्र के पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल, जिन्होंने 2010 में अपना पद छोड़ा और बाद में साइबर विशेषज्ञ के रूप में काम करना शुरू किया, 2018 में एक क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी की जांच का हिस्सा बने थे। 2022 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। यह धोखाधड़ी करीब कई करोड़ रुपये के गायब बिटकॉइन से जुड़ी हुई थी।

बिटकॉइन का एक हिस्सा बाद में एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में पाया गया, जिसे भाग्यश्री और अमिताभ गुप्ता नामक आईपीएस अधिकारियों ने जब्त किया था। इसके बाद रवींद्रनाथ पाटिल ने आरोप लगाया कि उन्हें फंसाया गया था और इस मामले में कथित तौर पर कुछ प्रमुख राजनीतिक व्यक्तियों, जैसे सुप्रिया सुले और नाना पटोले, का हाथ था।

संबित पात्रा का आरोप और गवाह की गवाही

संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि यह पूरा घोटाला एक बड़े चुनावी फंड के रूप में इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने दुबई की यात्रा की थी, जहां से उन्हें नकदी और बिटकॉइन लेनदेन के बारे में जानकारी मिली थी। भाजपा नेता ने इस कथित घोटाले का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा कि इन नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाना जरूरी है।

गौरव मेहता, एक साइबर विशेषज्ञ, ने गवाही दी कि रवींद्रनाथ को इन अधिकारियों ने फंसाया और वे इस विवाद में राजनीतिक हस्तियों के शामिल होने की बात कहते हैं। इसके समर्थन में, कथित ऑडियो क्लिप भी सामने आई हैं, जिनमें सुप्रिया सुले और नाना पटोले का नाम लिया गया है।

सुप्रिया सुले और नाना पटोले का बचाव

इस आरोपों के बाद, सुप्रिया सुले ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में शामिल नहीं हैं और ऑडियो क्लिप में जो आवाज़ है, वह उनकी नहीं हो सकती। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर अपराध अधिकारियों को इसकी जांच करने की सिफारिश की। साथ ही, सुले ने भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का नोटिस भेजा।

नाना पटोले ने भी इन आरोपों को पूरी तरह नकारा किया और कहा कि वे इस मामले से जुड़ी किसी भी तरह की गतिविधि में शामिल नहीं थे।

अजित पवार और शरद पवार की प्रतिक्रियाएँ

मीडिया से बातचीत के दौरान अजित पवार ने कहा, ऑडियो क्लिप की टोन से मैं आवाजों को पहचान सकता हूं। उनमें से एक मेरी बहन की है और दूसरा वह है, जिसके साथ मैंने काफी काम किया है। जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी।

शरद पवार ने सुप्रिया सुले का बचाव करते हुए कहा कि जो व्यक्ति महीनों से जेल में बंद है, वह इस तरह के आरोप क्यों लगा सकता है? उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक साजिश है। पवार ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और चुनाव में अधिक मतदान प्रतिशत की उम्मीद जताई।

चुनाव प्रचार और फंडिंग के आरोप

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले, पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने सुप्रिया सुले और नाना पटोले पर आरोप लगाया कि उनके खिलाफ लगे क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में वह शामिल थे। पाटिल का कहना था कि बिटकॉइन से मिले पैसों का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनावों के प्रचार में किया गया।

यह मामला न केवल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। भाजपा और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है, और अब देखना यह है कि इस विवाद का परिणाम क्या होगा।