रायपुर। राज्य सरकार ने रायपुर के अमलीडीह में कॉलेज के लिए आरक्षित 3.203 हेक्टेयर भूमि को निजी बिल्डर को आवंटित किए जाने के मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है। इस जांच की जिम्मेदारी रायपुर संभाग के आयुक्त महादेव कावरे को सौंपी गई है। संभागायुक्त इस मामले में जल्द से जल्द जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे। बताया जा रहा है कि विवादित सरकारी जमीन का बाजार मूल्य 235 करोड़ रुपये से अधिक है।
इस मामले को लेकर विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह भूमि शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए आरक्षित थी, और यदि इसे निजी बिल्डर को दिया गया, तो क्षेत्र में इतनी बड़ी सरकारी जमीन का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
गौरतलब है कि इस मामले ने राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ा दी हैं। अमलीडीह की इस भूमि के निजी बिल्डर को आवंटन को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। 25 नवंबर को मेयर इन काउंसिल की बैठक में भी इसका कड़ा विरोध किया गया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस जमीन को शासकीय कॉलेज के लिए आरक्षित किया था, लेकिन भाजपा सरकार के दौरान इसे निजी बिल्डर को देने की तैयारी की गई, जिसका नागरिकों और विपक्ष ने विरोध किया।
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आते ही इस सरकारी जमीन को निजी बिल्डर को बेच दिया।