टीआरपी। किसानों के दिल्ली मार्च और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने की मांगों के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने शुक्रवार (6 दिसंबर) को राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। चौहान ने भरोसा दिलाते हुए कहा, यह मोदी सरकार है और यह मोदी जी की गारंटी है। इस ऐलान के साथ ही आंदोलनरत किसानों के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजने की कोशिश की गई है।

शिवराज ने विपक्ष पर साधा निशाना

शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उसने एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इंकार कर दिया। उन्होंने शरद पवार, के वी थॉमस और कांतिलाल भूरिया जैसे पूर्व कृषि मंत्रियों के बयानों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने कभी किसानों के लाभकारी मूल्य की मांग को गंभीरता से नहीं लिया।

किसानों की MSP पर कानून बनाने की मांग

किसान लंबे समय से एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी फसलों का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित हो सके। शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में दावा किया कि 2019 से मोदी सरकार ने एमएसपी को उत्पादन लागत से 50% अधिक तय किया है। उन्होंने इसे किसानों के हित में मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया।

बीते तीन वर्षों में किसानों को बड़ा लाभ

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार ने गेहूं, धान, ज्वार और सोयाबीन जैसी फसलों को लागत से 50% अधिक कीमत पर खरीदा है। जब बाजार में कीमतों में गिरावट आई, तो सरकार ने निर्यात शुल्क और मूल्य में बदलाव करके किसानों को राहत प्रदान की। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

सरकार ने किसानों को प्राथमिकता दी है

कृषि मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि किसानों की हर फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी किसानों को नजरअंदाज नहीं किया है। शिवराज ने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा किसानों की जरूरतों और उनके अधिकारों को प्राथमिकता दी है।

विपक्ष का आरोप और किसानों का आंदोलन

हालांकि, विपक्ष का दावा है कि कृषि मंत्री का यह बयान किसानों के आंदोलन को शांत करने के लिए दिया गया है। किसानों ने अपनी मांगों पर जोर देते हुए कहा कि जब तक एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं मिलता, उनका संघर्ष जारी रहेगा।