टीआरपी डेस्क। भारत में कई सौर ऊर्जा कंपनियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने के लिए अडानी समूह पर अभियोग लगाने वाले संयुक्त राज्य न्याय विभाग ने रिश्वत देने वाली कंपनियों पर 300 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया है। वहीं, कई अमेरिकी फर्मों ने अभियोजन से बचने के लिए इतना अधिक जुर्माना देकर मामले का निपटारा कर लिया है।

अमेरिका स्थित शोध और डिजाइन फर्म मूग इंक को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को पांच लाख डॉलर से अधिक की रिश्वत देने के लिए पकड़ा गया था, भारतीय रेलवे ने 1.68 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करके अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के साथ अपना मामला सुलझा लिया।

आईटी कंपनी ओरेकल कॉर्पाेरेशन ने अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग के आदेशानुसार 23 मिलियन डॉलर का जुर्माना अमेरिकी खजाने में जमा करके अपना मामला सुलझा लिया। इसे भारतीय रेलवे, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और तुर्की के संगठनों में 6.8 मिलियन डॉलर से अधिक की भ्रष्ट आचरण और रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ा था।

वैसे ही अमेरिका स्थित रासायनिक विनिर्माण कंपनी अल्बेमर्ले कॉर्पाेरेशन को अमेरिकी न्याय विभाग ने भारतीय तेल निगम (IOC) और इंडोनेशिया तथा वियतनाम की कंपनियों को 63.5 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने के मामले में पकड़ा। कंपनी ने अभियोजन से बचने के लिए 198 मिलियन डॉलर से अधिक का भारी जुर्माना भरकर मामला सुलझा लिया।

11 अक्टूबर, 2024 के आदेशानुसार, प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने बताया कि मूग इंक ने अपनी भारतीय सहायक कंपनी मूग मोशन कंट्रोल्स प्राइवेट लिमिटेड (MMCPL) के माध्यम से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), दक्षिण मध्य रेलवे और रेलवे मंत्रालय के तहत अनुसंधान, डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) के अधिकारियों को रिश्वत देकर ठेके हासिल किए। “अगस्त 2020 में, एजेंट ए को नियुक्त करने के तुरंत बाद, मूग ब्रांड को आगामी दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) निविदा नोटिस के लिए आपूर्तिकर्ता सूची में जोड़ा गया फिर निविदा नोटिस में मूग को एक विशिष्ट भाग के लिए संभावित आपूर्तिकर्ता के रूप में एक अतिरिक्त आपूर्तिकर्ता के साथ सूचीबद्ध किया गया।”

सितंबर 2020 में, मूग इंक की भारतीय सहायक कंपनी MMCPL को SCR का कॉन्ट्रैक्ट $34323 में मिला। अप्रैल 2022 में, एजेंट ए ने MMCPL को कमीशन शुल्क का चालान थमाया, जिसके बारे में कई MMCPL कर्मचारी जानते थे कि इसमें सरकारी अधिकारियों को अनुचित भुगतान शामिल था, ताकि प्रतिस्पर्धा को खत्म किया जा सके और कॉन्ट्रेक्ट किसी और को न मिले। एसईसी आदेश में कहा गया कि भुगतान को गलत तरीके से वैध ठेकेदार सेवाओं के रूप में दर्ज किया गया था, साथ ही कहा गया कि रेलवे अनुबंध में 10 प्रतिशत रिश्वत कमीशन था।

HAL में रिश्वतखोरी का विवरण देने वाले SEC आदेश में कहा गया है कि नवंबर 2021 में, मूग ने अप्रैल 2021 के अनुबंध निविदा से संबंधित भागों और सेवाओं के लिए $1,399,328 मूल्य का अनुबंध हासिल किया। जांच में यह पाया गया कि 2.5% कमीशन एक “HAL अधिकारी” द्वारा रिश्वत के रूप में लिया गया। आठ पृष्ठों के आदेश के अनुसार, मूग इंक ने HAL और रेलवे में ठेके प्राप्त करने के लिए 5 लाख डॉलर से अधिक की रिश्वत दी।

अमेरिकी न्याय विभाग के 28 सितंबर, 2023 के आदेश में कहा गया है कि अल्बेमर्ले कॉर्पोरेशन ने भारतीय तेल निगम (IOC) और इंडोनेशिया तथा वियतनाम की कंपनियों में भ्रष्ट आचरण और 63.5 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देकर बड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए। अल्बेमर्ले दुनिया भर में 700 से अधिक रिफाइनरियों को रिफाइनिंग सेवाएं दे रही है और 2009 से 2017 तक भारतीय तेल निगम (IOC) के साथ डील कर रही है। 46 पृष्ठों के आदेश में कहा गया है कि अल्बेमर्ले ने 2009 में IOC अधिकारियों को रिश्वत देना शुरू किया ताकि इसे “हॉलिडे लिस्ट” से हटवाया जा सके।

आदेश में कहा गया कि अल्बेमर्ले ने भारतीय तेल निगम के व्यवसाय से संबंधित भारतीय मध्यस्थ कंपनी को लगभग 1.14 मिलियन डॉलर की कमीशन दी गई और 2009 से 2011 के बीच उस व्यवसाय से लगभग 11.14 मिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया। अल्बेमर्ले को 2017 में 63.5 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी के आरोप में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया था, और फिर सितंबर 2023 में अभियोजन से बचने के लिए 198 मिलियन डॉलर से अधिक का भारी जुर्माना भरकर मामला सुलझा लिया। अल्बेमर्ले पर जुर्माना लगाने वाले 46 पृष्ठों के आदेश में कहा गया है कि अमेरिकी कंपनी ने एक भारतीय निजी रिफाइनरी के साथ भी भ्रष्ट आचरण किया। हालांकि, आदेश में उस निजी रिफाइनरी का नाम नहीं बताया गया है।

प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) के 27 सितंबर, 2022 के आदेश में कहा गया है कि आईटी कंपनी ओरेकल कॉर्पोरेशन भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और तुर्की में भ्रष्ट आचरण और रिश्वतखोरी में लिप्त था। 2019 में, ओरेकल इंडिया के बिक्री कर्मचारियों ने एक परिवहन कंपनी के संबंध में अत्यधिक छूट योजना का भी इस्तेमाल किया, जिसका अधिकांश स्वामित्व भारतीय रेलवे मंत्रालय के पास था। लेन-देन में शामिल एक बिक्री कर्मचारी ने एक स्प्रेडशीट बनाई, जिसमें यह संकेत दिया गया कि $67,000 एक विशिष्ट भारतीय एसओई (राज्य के स्वामित्व वाली इकाई) अधिकारी को संभावित रूप से भुगतान करने के लिए उपलब्ध ‘बफर’ था।

प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग के 10 पृष्ठों के आदेश में कहा गया है कि लगभग 330,000 डॉलर की राशि एक ऐसी इकाई को दी गई जो एसओई अधिकारियों को भुगतान करती है और 62,000 डॉलर की राशि बिक्री कर्मचारियों द्वारा नियंत्रित एक इकाई को दी गई,” जिसमें 6.8 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी के लिए ओरेकल पर 23 मिलियन डॉलर का भारी जुर्माना लगाया गया है।