बिलासपुर। महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अमित अग्रवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल ने आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर उसे जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया।

हवाला मामले में हुई है गिरफ़्तारी

महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर अनिल अग्रवाल के भाई अमित अग्रवाल को 12 जनवरी 2024 को एसीबी ने हवाला मामले में गिरफ्तार किया था। मई 2024 में ईडी ने इस प्रकरण में अलग से मामला दर्ज किया। उस पर आरोप है कि उसने अपने भाई अनिल अग्रवाल द्वारा दुबई से भेजे गए अवैध धन का उपयोग करते हुए कई वित्तीय लेनदेन किए। इनमें पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदने और परिवार के खातों में नकद जमा करना शामिल है।

देशभर में कई मामले हैं दर्ज

ED के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने कोर्ट में बताया कि अमित अग्रवाल के खिलाफ कई एफआईआर देशभर में दर्ज हैं, जिनमें रायपुर, दुर्ग और विशाखापत्तनम के साइबर थानों में मामले शामिल हैं। जांच में सामने आया कि आरोपी ने करोड़ों रुपयों की भूमि अपनी पत्नी प्रीति अग्रवाल के नाम पर खरीदी, जिसमें धनराशि उसके भाई द्वारा भेजी गई थी।

जस्टिस अग्रवाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि जांच में जुटाए गए साक्ष्य और गवाहों के बयान आरोपी के खिलाफ जाते हैं। कोर्ट ने यह भी माना कि आरोपी ने अवैध धन को अपने परिवार और पत्नी के खातों में स्थानांतरित किया। महादेव सट्टा ऐप, एक ऑनलाइन जुआ प्लेटफॉर्म के संचालन में अमित अग्रवाल की भूमिका स्पष्ट होती है। जांच में यह भी पाया गया कि आरोपी के भाई अनिल अग्रवाल दुबई से इस ऐप का संचालन कर रहे हैं और अर्जित धन को भारत में भेज रहे हैं। हाई कोर्ट ने इन तथ्यों को गंभीर मानते हुए अमित अग्रवाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।