प्रयागराज। Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में आज, 27 जनवरी, धर्म संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है। इस सत्र में सनातन धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए सनातन बोर्ड के गठन पर औपचारिक रूप से मुहर लगाई जाएगी। इस बार की धर्म संसद में देश के 13 प्रमुख अखाड़ों और सैकड़ों संतों की उपस्थिति होगी।

Mahakumbh 2025: साधु-संतों की प्रतिक्रिया
महाकुंभ में आए प्रमुख संत और धर्मगुरु इस कदम को लेकर उत्साहित हैं। उनका मानना है कि सनातन बोर्ड का गठन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी आवश्यक है। संत समाज का कहना है कि यह बोर्ड सनातन धर्म को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करेगा।
Mahakumbh 2025: सनातन बोर्ड का उद्देश्य
सनातन बोर्ड के गठन का उद्देश्य सनातन धर्म के संरक्षण, प्रचार-प्रसार, और आध्यात्मिक चेतना को बढ़ावा देना है। इसके मुख्य कार्य:.
- धार्मिक स्थलों का संरक्षण: प्राचीन मंदिरों और तीर्थ स्थलों की सुरक्षा और संवर्धन।
- आध्यात्मिक शिक्षा: सनातन धर्म के ग्रंथों और परंपराओं की शिक्षा के लिए संस्थानों की स्थापना।
- युवाओं का जुड़ाव: युवाओं को धर्म और संस्कृति से जोड़ने के लिए आधुनिक माध्यमों का उपयोग।
- सामाजिक समरसता: हिंदू धर्म के विभिन्न पंथों और परंपराओं को एकजुट करना।
- वैश्विक पहचान: सनातन धर्म के सिद्धांतों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाना।
Mahakumbh 2025: आज का सत्र: क्या होगा खास
- धर्म संसद का सत्र सुबह से शुरू होकर दोपहर तक चलेगा।
- सभी अखाड़ों और धर्मगुरुओं के बीच सनातन बोर्ड के गठन पर चर्चा होगी।
- सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित होने की संभावना है।
- सनातन बोर्ड के ढांचे और कार्यप्रणाली पर भी विचार किया जाएगा।