बलौदा बाजार। जिले की पुलिस ने चार सौ बीसी के एक मामले में मशहूर ठग रौशन बघेल और उसकी पत्नी को दो साल बाद गिरफ्तार किया है। बघेल ने छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी ठगी का काम किया और लाखों रूपये वसूल कर लिए। अन्य जिलों की पुलिस को भी दूसरे मामलों में इसकी तलाश है। बलौदाबाजार के थाना सिटी कोतवाली की पुलिस द्वारा परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति करवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले आरोपी पति-पत्नी को गिरफ्तार किया गया है।

क्या है मामला..?

थाना सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा 2023 में रौशन बघेल एवं उसकी पत्नी हेमलता बघेल के खिलाफ धारा 420,34 के तहत जुर्म पंजीबध्द कर मामले को विवेचना में लिया गया था। ग्राम रिसदा का रहने वाला प्रकाश सिंह, एक सेवानिवृत्त कर्मचारी है। उसे बघेल दंपत्ति द्वारा परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति कराने का झांसा देकर ₹5,00,000 (पांच लाख रूपये) की मांग की गयीथी। प्रार्थी द्वारा आरोपियों के झांसे में आकर उन्हें ₹4,75,000 दे दिया गया। पैसे देने के बाद प्रार्थी की परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति नहीं हुई। इस पर प्रार्थी द्वारा अपने दिए हुए पैसों को आरोपियों से वापस मांगा गया, मगर आरोपियों द्वारा प्रार्थी का पैसा वापस नहीं किया गया एवं संपर्क करने पर उनके द्वारा अपने मोबाइल को बंद कर दिया गया।

मकान बंद कर फरार थे पति-पत्नी

बता दें कि रौशन बघेल मूलतः कोरबा जिले के ग्राम गुरसियां का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि धोखाधड़ी के इस मामले के दौरान पति-पत्नी बिलासपुर में किराये के मकान में रहते थे। FIR दर्ज होने के बाद दोनों मकान में ताला लगाकर फरार हो गए। कभी सूचना मिलने पर पुलिस पते पर पहुंचती मगर तब तक दोनों फरार हो जाते थे। आखिरकार दो साल बाद पुलिस ने पुख्ता सुराग मिलने पर दबिश दी और रौशन बघेल एवं उसकी पत्नी हेमलता बघेल को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक पूछताछ करने पर आरोपियों ने प्रकाश सिंह से परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति करने का झांसा देकर उससे ₹4,75,000 लेना स्वीकार किया गया। इसके बाद दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद जेल भेज दिया गया।

नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के अनेक किस्से

रोशन बघेल इससे पूर्व भी कई लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है और जेल की हवा भी खा चुका है। उसने बड़े पैमाने पर युवा बेरोजगारों से ठगी की है। ऐसे ही एक मामले में उसने 3 दर्जन युवाओं से ठगी की और आखिरकार उसके खिलाफ FIR दर्ज किया गया।

मंत्रालय में पहुंच का दिया झांसा…

यह मामला रौशन बघेल के गृह इलाके का है। ठगी के शिकार लोगों ने पुलिस को बताया कि वे सभी बालको के चोटिया कोयला खदान में नौकरी कर रहे थे परंतु बालको कंपनी द्वारा छंटनी कर उनसे जबरदस्ती VRS भरवा कर 31 अक्टूबर 2020 को नौकरी से हटा दिया गया। वे सभी इस VRS को वापस कर नौकरी करना चाहते थे, इसी संदर्भ में वे ग्राम गुरसिया पोड़ी उपरोड़ा निवासी रोशन बघेल से मिले, जिसने अपनी पहुंच मंत्रालय तथा बालको के उच्च अधिकारियों तक बताई एवं कहा कि फिर से उनकी नौकरी बालको में हो जाएगी एवं 6 माह के अंदर काम करवा दूंगा।

किस्तों में रूपये देने की हुई डील

इस संदर्भ में 39 लोगों से रोशन बघेल ने किश्त में रकम की मांग की जिसके मुताबिक पहली किश्त 7,80,000/- रुपये नगद राशि दिये दूसरी किश्त 7,40,000/- रुपये एवं तीसरी किश्त 1,20,000/- रुपये अक्टूबर के माह में रोशन बघेल के पुत्र राहुल बघेल के अकाउंट में जमा किए गए, कुल राशि 16,40,000/- (सोलह लाख चालीस हजार रुपये) होती है।

नहीं हुआ काम तब भी दिया झांसा…

पीड़ितों को दिए हुए समय तक रोशन बघेल कोई काम नहीं करवा पाया और टालमटोल करता चला गया। रोशन बघेल ने इनसे वादा किया था कि काम नहीं हुआ तो रकम वापस कर दूंगा। इस संबंध में इनकी एक बैठक भी हुई। जिसमें बघेल के द्वारा कहा गया कि मैं काम नहीं करवा पाया, इसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं, मैं आप लोगों का पैसा वापस कर दूंगा, जिसमें से 3 से 4 लाख रुपये इधर-उधर खर्च हो गया। घर आकर रकम ले जाने के लिए कहा लेकिन जब सभी लोग निर्धारित समय पर उसके घर गुरसिया गए, तब वह घर पर नहीं मिला और पता चला कि वह दिल्ली चला गया है।

पुलिस में दर्ज कराया FIR

पीड़ितों ने बताया कि रोशन बघेल द्वारा फोन पर ही रकम वापसी के नाम पर तारीख पर तारीख देते हुए टाल-मटोल कर उन्हें घुमाया जाता रहा। पुलिस में शिकायत करने की धमकी देने पर किसी तरह कुल 1,00,000/- रुपये ही वापस किया गया है। मानसिक एवं आर्थिक रुप से परेशान सुरेन्द्र और उसके साथियों ने आखिरकार पुलिस की शरण ली। जिसके बाद रिपोर्ट पर रोशन बघेल व उसके पुत्र राहुल बघेल के विरुद्ध बांगो थाना में धारा 420, 34 के तहत जुर्म दर्ज किया गया। बता दें कि बघेल की ठगी के शिकार अधिकांश लोग आदिवासी हैं और उन्होंने किसी तरह कर्ज लेकर या फिर अपनी जमीन बेचकर बघेल को रूपये दिए थे। उन्हें न तो नौकरी मिली और न ही रूपये वापस मिले।

पूर्व CM से पहुंच का देता था हवाला…

रोशन बघेल की ठगी के ऐसे ही कई किस्से हैं। कांग्रेस के शासनकाल में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलते-जुलते सरनेम का भी फायदा रोशन बघेल ने उठाया और उन तक अपनी पहुंच बताते हुए दर्जनों लोगों से ठगी कर ली। इससे पूर्व रौशन बघेल ने अजित जोगी द्वारा गठित पार्टी की सदस्यता लेकर जमकर नेतागिरी की और जोगी से पहुंच का हवाला देकर कई लोगों से ठगी की। इसका यह कारोबार इसी तरह बदस्तूर चलता रहा।

स्टेट क्रिकेट संघ में था पदाधिकारी

कोरबा और आसपास के कई जिलों में रोशन बघेल और उसके परिजनों द्वारा किये गए ठगी के किस्से मशहूर हैं। पूर्व में अखंड मध्यप्रदेश और फिर अजित जोगी के शासनकाल में रोशन बघेल ने अपना भ्रमजाल फैलाया और प्रदेश क्रिकेट संघ में पद हासिल किया तथा राजनीति में अपनी पहुंच बनाई। तब भी कई लोग बघेल की ठगी का शिकार हुए। छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश और राज्यों में भी उसने कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। उसकी वाकपटुता के चलते लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते हैं। फिलहाल बघेल दंपत्ति जेल की सींखचों के पीछे है। माना जा रहा है कि अन्य जिन थानों में इस परिवार के खिलाफ FIR दर्ज हैं, वहां की पुलिस भी इन्हें गिरफ्तार करेगी