नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (चीफ इलेक्शन कमिश्नर) के लिए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें नए सीईसी के नाम को लेकर चर्चा की गई। बैठक में पीएम मोदी के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। बैठक के बाद कांग्रेस ने कहा कि अहंकार से काम नहीं कर सकते, 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करें।

‘चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में शामिल हों चीफ जस्टिस’
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारी मांग है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाली कमेटी में भारत के चीफ जस्टिस को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। चुनाव आयोग की नियुक्ति में चीफ जस्टिस को होना चाहिए। एक स्वतंत्र चुनाव आयोग होना चाहिए। हाल ही में चुनाव आयोग को लेकर बहुत सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा, कांग्रेस की मांग है कि जब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, तब तक चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर होने वाली बैठक पर रोक रहनी चाहिए।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, आप सबको पता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर आज बैठक थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 19 फरवरी को इस विषय पर सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जाएगा कि कमेटी का संविधान किस तरीके से होना चाहिए। ऐसे में आज की बैठक को टालना चाहिए था।
आज चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) के चुनाव से जुड़ी बैठक हुई।
— Congress (@INCIndia) February 17, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जाएगा कि कमेटी का कांस्टीट्यूशन किस तरीके का होना चाहिए।
ऐसे में आज की बैठक को Postpone करना चाहिए था।
: कांग्रेस कोषाध्यक्ष श्री… pic.twitter.com/qLMW03ObYf
18 फरवरी को रिटायर हो रहे राजीव कुमार
आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कार्यकाल कल यानी 18 फरवरी को खत्म हो रहा है। राजीव कुमार को 15 मई 2022 को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने कई विधानसभा चुनाव कराए, जिसमें 2024 का लोकसभा चुनाव भी शामिल है। हालांकि, कुमार का कार्यकाल विवादों भरा भी रहा है। विपक्ष ने सीईसी राजीव कुमार पर कई आरोप लगाए, जिसका जवाब उन्होंने शायरी के जरिए दिया।